Beautiful Ghat in Varanasi: फेमस हैं वाराणसी के यह घाट जहां तीर्थ करने आते हैं लोग, सबका अपना अलग है महत्व

Varanasi Famous Ghat: कहा जाता है कि यह घाट 14वीं शताब्दी में निर्मित किए गए थे, लेकिन 18वीं शताब्दी में कई घाटों का फिर से निर्माण किया गया था।

Update:2023-05-28 16:42 IST
Varanasi Famous Ghat (Image Description)

Varanasi Famous Ghat: वाराणसी में पवित्र गंगा नदी के किनारे करीबन 100 घाट हैं। जिनमे 25 घाट बेहद ही जाने-माने हैं। कहा जाता है कि यह घाट 14वीं शताब्दी में निर्मित किए गए थे, लेकिन 18वीं शताब्दी में कई घाटों का फिर से निर्माण किया गया था। हिंदू पौराणिक कथाओं में इन घाटों का विशेष महत्व है, जिनका उपयोग मुख्य रूप से स्नान करने के लिए जाता है। इस आर्टिकल में वाराणसी मे स्थित कुछ फेमस गंगा के घाटों के बारें में बताया गया है।

वाराणसी में फेमस गंगा के घाट

अस्सी घाट (Assi Ghat)

वाराणसी में अस्सी घाट गंगा नदी के किनारे बेहद ही फेमस घाट है जो शहर में गंगा नदी के दक्षिणी छोर पर अस्सी नदी में जाकर मिलती है। यह हिंदुओं के लिए एक तीर्थ स्थान है, जो एक पीपल के पेड़ के नीचे एक विशाल लिंगम के रूप में भगवान शिव की पूजा करने से पहले वहां स्नान करते हैं। इस क्षेत्र में कुछ ट्रेंडी बुटीक और कैफे हैं, जो इसे लंबे समय तक रहने वाले यात्रियों के लिए एक लोकप्रिय स्थान बनाता है।

चेत सिंह घाट (Chet Singh Ghat)

चेत सिंह घाट का काफी ऐतिहासिक महत्व है। यह महाराजा चेत सिंह और अंग्रेजों के बीच 18वीं शताब्दी की लड़ाई का स्थल था। चेत सिंह ने घाट पर एक छोटा किला बनवाया था लेकिन दुर्भाग्य से अंग्रेजों ने उन्हें हरा दिया। उन्होंने किले पर कब्जा कर लिया और उसे उसमें कैद कर लिया।

दरभंगा घाट (Darbhanga Ghat)

दरभंगा घाट देखने में आकर्षक और वास्तुशिल्प रूप से बेहद ही शानदार जगह है। यह बेहद ही अच्छा घाट है जो शहर की खूबसूरती को बढ़ाने का काम करता है। इस घाट पर आपको कई शानदार चीजें भी देखने के लिए मिल जाएगी। यह घाट शहर के प्रमुख तीर्थ स्थल के तौर पर जानी जाती है।

दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat)

दशाश्वमेध घाट वाराणसी के सबसे पुराने और पवित्र घाटों में से एक है। जो लोगों के आकर्षण का मुख्यकेंद्र माना जाता है। यहीं पर हर शाम प्रसिद्ध गंगा आरती होती है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने भगवान शिव के स्वागत के लिए घाट का निर्माण किया था। माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने एक पवित्र अग्नि के सामने एक विशेष घोड़े की बलि का अनुष्ठान किया था। यहां पर आपको घंटों बैठकर शांति का साहस कर सकते हैं। घाट के आसपास एक बाज़ार भी है।

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