क्या आपके फोन में डाउनलोड हो गया है गलती से फर्जी 'भीम ऐप', इन ट्रिक्स से करें पता
नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद देश में कैशलेश ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए 'भीम ऐप' शुरू की गई है। पर इस ऐप के लॉन्च होते ही तमाम तरह के फेक डेवलपर्स एक्टिव हो गए हैं। 'भीम ऐप' के लॉन्च होते ही गूगल प्ले स्टोर पर यह सबसे ज्यादा बार डाउनलोड की जाने वाली ऐप में शामिल हो गई है। जिसकी वजह से इसपर हैकर्स की नजरें टिक हुई हैं। 'भीम ऐप' 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने लॉन्च की। जिसके बाद इसी कि तरह दिखने वाले कई ऐप हैकर्स ने प्ले स्टोर पर बनाकर डाल दिए। इन फेक ऐप में मोदी भीम, भीम यूपीआई बैंक नो इंटरनेट जैसे शामिल हैं।
वहीं कुछ लोग ऐप के कंफ्यूजन में अभी तक इस ऐप को डाउनलोड नहीं किए हैं, तो वहीं कुछ लोगों ने फेक 'भीम ऐप' को ही डाउनलोड कर लिया है। तो अगर आप भी इस ऐप को लेकर कंफ्यूजन में हैं, तो इन ट्रिक्स से आप पता कर सकते हैं।
- जब भी 'भीम ऐप' डाउनलोड करना हो, तो इसे ऑफिशियल गूगल प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें।
- कैशलेश इंडिया को बढ़ावा देने के लिए 'भीम ऐप' को नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ऑप इंडिया (एनपीसीआई) ने बनाया है। इसलिए इसका सर्टिफिकेशन देखे बिना कतई डाउनलोड न करें।
आगे की स्लाइड में जानिए किन तरीकों से लगाएं सही 'भीम ऐप' का पता
- यह ऐप डाउनलोड करते टाइम आपको कई सारे ऐसे ऐप मिल जाएंगे, जिनके जीओवी.इन (गोव डॉट इन) वेरिफाइड होने की बात कही गई होगी। पर इनपर जरा भी ध्यान देने की जरूरत नहीं है। ऐसी ऐप पूरी तरह से फेक होती हैं। अगर आप ऐसी ऐप डाउनलोड कर लेते हैं, तो इससे आपके मोबाइल में मौजूद डाटा को खतरा हो सकता है। आपकी प्राइवेसी में सेंध लग सकती है।
- बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'भीम ऐप' कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए शुरू की है। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) बेस्ड इस ऐप की खासियत यह है कि यह सभी बैंकों के लिए कॉमन है।
- 'भीम ऐप' का यूज करने के लिए मोबाइल बैंकिंग की जरूरत नहीं है। इसके लिए सिर्फ यूजर्स का मोबाइल नंबर बैंक खाते से लिंक होना चाहिए। तो अब आप भी कंफ्यूज मत होइए और सही 'भीम ऐप' डाउनलोड करिए।