कार्तिक पूर्णिमा में भक्तों से गुलज़ार हुआ काशी, घाटों पर लगी भक्तों की भीड़

हर साल की तरह इस साल भी बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा के किनारे आस्था का जन सैलाब नज़र आया। सूर्य की पहली किरण के साथ हर कोईं माँ गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य की कमाना चाहता हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज का दिन विशेष फल दायक होता है। आज के दिन जो भी भक्त सच्चे मन और विशवास के साथ माँ गंगा का स्नान करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं ज़रूर पूरी होती है।

Update: 2016-11-14 05:30 GMT

वाराणसी : कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर वाराणसी के घाटों पर आस्था और श्रद्धा का अभूतपूर्व नज़ारा देखने को मिल रहा है।लोग भोर से ही काशी के पावन घाटों पर गंगा स्नान के लिए पहुँच गए हैं। कार्तिक महीने का हिन्दू धर्म में बहुत बड़ा महत्व है।

हर साल की तरह इस साल भी बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा के किनारे आस्था का जन सैलाब नज़र आया। सूर्य की पहली किरण के साथ हर कोईं माँ गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य की कमाना चाहता हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज का दिन विशेष फल दायक होता है। आज के दिन जो भी भक्त सच्चे मन और विशवास के साथ माँ गंगा का स्नान करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं ज़रूर पूरी होती है।

पर्वों की नगरी वाराणसी में हर त्यौहार का एक अलग महत्व हैं। और स्कन्द पुराण की मानें तो आज के दिन स्वर्ग से देवतागन पृथ्वी पर आतें हैं इसलिए भोले नाथ की नगरी में माँ गंगा में स्नान और पूजन करने से शिव के संग भगवान् विष्णु भी प्रसन्न होतें हैं। और भोग और मोक्ष दोनों की प्राप्ती होती हैं। भक्तों की भरी भीड़ इस विश्वास के साथ ही यहाँ आती है।

पूरा कार्तिक मास देवताओं को समर्पित किया गया है लेकिन इस माह में भी सबसे फलदायक तिथि कार्तिक पूर्णिमा की है क्योकि आज के ही दिन 33 करोड़ देवी देवता इस धरा पर प्रकट होते हैं।

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