गृहस्थों के लिए ये मुहूर्त है दिवाली पूजन के लिए शुभ, करें इस लग्न में पूजन होगा फलदायी
जयपुर: कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन हर साल दीपावली यानी दिवाली मनाई जाती है। दीपावली का पावन पर्व 7 नवंबर, बुधवार को धार्मिक श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। मूर्तिकार देवी-देवताओं की मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। प्रकाश का पर्व दीपावली 7 नवंबर 2018 को बधुवार के दिन है। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर शाम के समय स्थिर लग्न में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है। दीपावली की पूजा प्रदोषकाल और स्थिर लग्न में करना शुभ होता है।अमावस्या की तिथि 7 नवंबर को रात 9 बजकर 30 मिनट तक ही रहेगी इसलिए इसके पहले लक्ष्मी पूजन करना श्रेष्ठ और शुभ रहेगा। गृहस्थों के लिए लक्ष्मी-गणेश पूजन स्थिर लग्न में करना फलदायी होता है। इस बार अमावस्या तिथि पर महानिशीथ काल का अभाव है। इसलिए निशा पूजा व तांत्रिका पूजा स्थिर लग्न सिंह में की जाएगी जो शुभकारक रहेगा। इस बारअमावस्या तिथि मंगलवार रात 10:06 बजे से शुरू हो जाएगी जो बुधवार की रात 9:01 बजे तक रहेगी। इसलिए उदया तिथि में अमावस्या का मान सूर्योदय में मिल रहा है। साथ ही प्रदोष काल भी उत्तम योग है।
प्रदोष काल : शाम 5:42 से 7:37 बजे तक (पूजन व खाता पूजन के लिए शुभ मुहूर्त)
स्थिर लग्न कुंभ में : दोपहर 1:06 से दोपहर 2:34 तक.3 शुभ मुहूर्त,अभिजित मुहूर्त व्याप्त शुभ चौघाड़िया दिन में 12:00 से 01:30 बजे तक
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पूजा का समय सुबह 10:52 मिनट से लेकर 12:12 मिनट तक है। 7 नवंबर को प्रदोष काल से लेकर रात्रि 09:00 तक रहेगा। दुकान का पूजन, जिसके तहत बही खाता आदि का पूजन। साथ ही गृहस्थों के लिए भी पूजन का सर्वोत्तम समय।
प्रदोष काल
प्रदोष काल में मेष व वृष लग्न स्वाती नक्षत्र सायं 7:35 तक और इस अवधि के मध्य तुला राशि में चंद्रमा होने के कारण लक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त। इसी अवधि में 07:08 मिनट से लेकर लगभग 09:00 बजे तक दीपदान, महालक्ष्मी, गणेश-कुबेर, बही खाता पूजन, धन तथा गृहस्थों के लिए पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त।निशीथ काल का भी समय रात्रि 08:09 बजे से लेकर 10:50 तक है। गृहस्थों के लिए इस दिन रात्रि 10 बजकर 49 मिनट से पहले पूजन कर लेना है।रात्रि10:50 से लेकर मध्य रात्रि 01:29 मिनट तक। इस अवधि में महाकाली पूजन, तांत्रिक प्रयोग यंत्र आदि का पूजन किया जाएगा। साल 2018 में दिवाली चंद्रमा के तुला राशि में होने से कई शुभ संयोग का निर्माण होगा। 7 नवंबर को तुला राशि में सूर्य, शुक्र और चंद्रमा होने शुभ संयोग बनेगा। इसके अलावा दिवाली पर आयुष्मान और सौभाग्य योग भी बन रहा है।