रोके भी न रुकेंगे आप के आंसू......बाप ने अपनी बेटी से कहा 'हाँ मैं भिखारी हूँ'
नई दिल्ली : क्या आप यकीन करेंगे, कि एक बाप को अपनी बेटी के लिए नए कपड़े खरीदने में 2 साल का समय लग गया। नहीं न लेकिन ये सच है, एक लाचार बाप को अपनी बेटी के लिए नई ड्रेस खरीदने में लग गए दो साल।
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पड़ोसी देश बांग्लादेश के रहने वाले कवसर हुसैन चाह कर भी अपनी बिटिया के लिए 2 साल से कपड़े नहीं खरीद पा रहे थे। हुसैन कई साल पहले अपना सीधा हाथ एक दुर्घटना में खो चुके हैं। बड़ी मुश्किल से बाप बेटी दिन का खाना खा पाते हैं कई बार तो ऐसा होता है कि हुसैन पानी पीकर सो जाते हैं। उनकी नन्ही बिटिया उन्हें अपने हाथ से खाना खिलाती है, तो उनकी आखें नाम हो जाती है। बिटिया जब किसी को नए कपडे में देखती तो अपने पैबंद लगे कपड़ों पर हाथ फेरती। ये देख हुसैन का दिल फट जाता। लेकिन बेटी ने कभी उनसे नए कपड़ों की मांग नहीं की।
एक दिन हुसैन 5 टका का नोट लेकर एक दुकान गए लेकिन दुकानदार ने उन्हें भिखारी कहकर अपमानित किया। इसपर बेटी ने उनका हाथ पकड़ बाहर चलने को कहा। हुसैन ने बह रहे आंसू पोंछे और बेटी से कहा हां मैं भिखारी हूं।
हुसैन ने इसके बाद दिन रात मेहनत की और 2 साल बाद बेटी के लिए नया ड्रेस ख़रीदा। इसके बाद बाप बेटी पार्क गए वहां काफी दिनों के बाद दोनों ने मस्ती की। हुसैन ने अपनी बिटिया से कहा अब उसका पिता भिखारी नहीं है।