संसद में ये राज्य हो गया कांग्रेस मुक्त, नहीं है पार्टी का एक भी MP

Update: 2016-05-27 00:33 GMT

चेन्नईः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के बाकी नेता कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते रहते हैं। देश तो कांग्रेस मुक्त नहीं हुआ, लेकिन संसद में एक राज्य कांग्रेस मुक्त जरूर हो गया है। ये राज्य है तमिलनाडु। यहां से न तो लोकसभा में कांग्रेस का कोई सांसद है और न ही राज्यसभा में।

कैसे हुआ ये?

-तमिलनाडु से राज्यसभा की 6 सीटें हैं।

-कांग्रेस की सहयोगी डीएमके अपने दो सदस्यों को भेजेगी।

-बाकी 4 सीटों पर जयललिता की पार्टी कब्जा जमा लेगी।

-कांग्रेस के लिए डीएमके ने कोई सीट नहीं छोड़ी है।

तमिलनाडु विधानसभा का गणित

-तमिलनाडु विधानसभा में 234 सीटें हैं।

-अभी हुए चुनाव में जयललिता की एआईएडीएमके ने 134 सीटें जीती हैं।

-करुणानिधि की डीएमके ने 89 सीटें जीती हैं।

-कांग्रेस को सिर्फ 8 सीटों पर जीत मिली थी।

आईयूएमएल का 1 ही विधायक जीत सका था।

लोकसभा चुनावों में भी लगा था झटका

-कांग्रेस को तमिलनाडु में 2014 के लोकसभा चुनावों में भी झटका लगा था।

-पार्टी यहां से एक भी सीट नहीं जीत सकी थी।

-जयललिता की पार्टी ने लोकसभा चुनाव में 37 सीटें जीती थीं।

-बाकी दो सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया था।

तमिलनाडु से कौन-कौन था राज्यसभा में कांग्रेस सदस्य?

-पूर्व केंद्रीय मंत्री सुदर्शन नतचिअप्पन और मणि शंकर अय्यर राज्यसभा में थे।

-दोनों ही हाल में रिटायर हो चुके हैं।

पहले भी कांग्रेस को लग चुका है झटका

-1996 से 1998 तक तमिलनाडु से कांग्रेस का एक भी लोकसभा सदस्य नहीं था।

-तमिल मनीला कांग्रेस के जीके मूपनार, जयंती नटराजन और पीटर अलफोंसे को कांग्रेस अपना बताती रही।

-1999 में लोकसभा में सिर्फ मणिशंकर अय्यर और नतचिअप्पन ही चुने जा सके थे।

क्या कहना है कांग्रेस का?

-तमिलनाडु कांग्रेस के महासचिव डी. सेल्वम इसे बड़ा मुद्दा नहीं मानते हैं।

-सेल्वम के मुताबिक कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है और अन्य राज्यों के सदस्य तमिलनाडु का मुद्दा उठाएंगे।

-लोकसभा में डीएमके का कोई सांसद नहीं है, एआईएडीएमके का भी 1996 में कोई सांसद नहीं था।

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