एयरफोर्स की नौकरी में ये बीमारियां नहीं बनेंगी रुकावट, आप भी कर सकते हैं अप्लाई

Update: 2016-11-10 08:10 GMT

नई दिल्ली: कई लोगों का सपना होता है कि वे देश की सेवा कर सकें इसके लिए कुछ लोग आर्मी ज्वाइन करते हैं, तो कुछ लोग नेवी। लेकिन वहीं कुछ युवा ऐसे भी होते हैं, जो इंडियन एयर फोर्स में काम करके अपने देश की सेवा करना चाहते हैं, लेकिन कुछ बीमारियों के चलते उन्हें इंडियन एयर फोर्स में जाने से रोक दिया जाता है। हालांकि यह बीमारियां उतना ज्यादा इफ़ेक्ट नहीं करती हैं, लेकिन फिर भी इन बीमारियों की वजह से कई बार युवाओं को अनफिट करार देकर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। ऐसे लोगों के लिए खुशखबरी है क्योंकि एयर फोर्स में एंट्री बैन करने वाली यह बीमारियां जल्द ही ख़त्म होने वाली हैं।

जी हां, मेरुदंड में गड़बड़ी से जहाज उड़ाना प्रभावित होने जैसे फैक्ट्स का कोई साइंटिफिक रीजन नहीं होने को देखते हुए एयर फोर्स जल्द पायलेट्स के लिए अपने मेडिकल क्राईटेरिया में सुधार करेगी।

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वहीं इलाज के लिए नए मेडिकल ट्रीटमेंट्स और बेहतर दवा उपलब्ध होने की वजह से दमा, डायबिटीज, हृदय संबंधी बीमारियों और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को भी सूची से हटाया जा सकता है। एयर फोर्स के मेडिकल बोर्ड ने लिस्ट से डायबिटीज निरोधी दवा सहित 19 दवाओं को सूची से हटा दिया गया है, जिन्हें उड़ान के लिए पहले बैन माना जाता था।

मेरुदंड में विकृति के बारे में बताते हुए एयर फोर्स मेडिकल हेड एयर मार्शल पवन कपूर ने कहा, 'कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लिटरेचर और अपने इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन में किए गए कई रिसर्च की स्टडी करने के बाद हम कोशिश कर रहे हैं कि कुछ पायलट जिन्हें पहले सेलेक्ट नहीं किया गया था, उन्हें मौका देना चाहिए ताकि वे वे भी विमान उड़ा सकें'।

मार्शल कपूर ने आगे कहा कि हम उन इश्यू को देख रहे हैं और कमीशनिंग, चयन और उड़ान उद्देश्यों के लिए नया आदेश ले रहे हैं और उन्हें विमान उड़ाने के लिए फिट अनाउंस किया जाएगा'। 10 से 12 बीमारियों को पहले ही सूची से हटा दिया गया है बाकी पर विचार किया जा रहा है और अगले सात से 10 दिनों में शीघ्र फैसला किए जाने की संभावना है मार्शल कपूर ने आगे कहा कि एक तरफ जहां मेडिकल अप्रूवल मिल गया है, वहीं सरकारी अप्रूवल का इंतजार किया जा रहा है।

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