मोरक्को: क्या कोई सोच सकता है कि बचपन में मुस्लिम राज-मिस्त्री भेड़ चराने वाली की लड़की एक डेमोक्रेटिक कंट्री की एजूकेशन मिनिस्टर बन सकती है। असंभव सी दिखने वाली ये बात है सौ प्रतिशत सच। जिस दौर में मुसलमानों के नाम से नफरत की जाने लगी हो, वो भी अमेरिका, इंग्लैण्ड और फ्रांस में, वहां मोरक्को के एक गरीब कट्टरपंथी मुस्लिम परिवार में 1977 में जन्म लिया नज़त बेल्कासेम ने। पिता बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन लेबर थे। घर का खर्च भेड़ों का दूध बेचकर चलता था।
दिन में भेड़ चराना,शाम को पढ़ाई
द लॉजिकल इंडियन लिखता है कि नजत दिन में भेड़ चराती और शाम को घर वापस आती और पढ़ने बैठ जाती। नजत के पिता मजदूरी से ज्यादा पैसा कमाने के लिए फ्रांस चले आये और फिर उन्होंने नजत को भी फ्रांस बुला लिया। भेड़ चराने वाली लड़की नज़त ने पढ़ाई में जमकर मेहनत की।
नागरिक अधिकारों के लिए लड़ाई
इन्होंने 2002 में पेरिस इंस्टिट्यूट ऑफ पॉलिटिकल स्टडीज से ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन के तत्काल बाद नजत ने सोशलिस्ट पार्टी जॉइन कर ली। इसके बाद उन्होंने नागरिक अधिकारों को लिए जंग छेड़ दी। उन्होंने नागरिकों को सस्ते घर दिलाने के लिए आंदोलन किया।
भेदभाव के खिलाफ भी आंदोलन किया नजत ने
इसके साथ ही भेड़ चराने वाली लड़की नजत ने भेदभाव के खिलाफ भी आंदोलन किया। नजत 2008 में रोन अल्पाइन से कॉउंसिल मेंबर चुनी गईं। उसके बाद से वह लगातार चुनाव जीतती आ रही हैं। चुनाव जीतने के बाद से नजत की राजनीति को तेज गति मिली।
2012 में नजत को महिला अधिकार मंत्री की कमान सौंपी गई। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने उन्हें सरकार का प्रवक्ता भी नियुक्ति किया। 25 अगस्त 2015 को फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा औलांदा ने देश के शिक्षा मंत्री की कमान सौंपी।
नस्ली टिप्पणी की शिकार भी रहीं नजत
भेड़ चराने वाली ये लड़की एक मूलतः मोरक्कन मुस्लिम है, लेकिन अब फ्रेंच नागरिक हैं। उनका बचपन भेड़ों के झुंड के साथ गुजरा। नजत के बैकग्राउंड, जन्म स्थान और मजहब की वज़ह से उनपर आरोप लगाना बहुत आसान था। नजत के खिलाफ कन्जर्वेटिव पॉलिटिशन सेक्सिस्ट और नस्ली टिप्पणी खूब करते थे। इन पर कई तरह के लांछन लगाए जाते थे। कभी ड्रेस को लेकर भी भद्दी टिप्पणी की जाती थी तो कभी लिपिस्टिक को लेकर, नजत कभी घबराई नहीं। आज वो फ्रांस की राजनीति के राइटविंग का दुनिया में चमकता चेहरा है।