कानपुरः एक छोटे से गांव में रहने वाले युवक ने ऑटोमैटिक टारगेट गन का मॉडल तैयार किया है। इस गन को बंकरो, पहाड़ो और जंगलो में लगाकर रिमोट से चलाया जा सकता है। सेना के जवानों को गन लेकर बैठने की जरूरत नहीं है। इस गन से दुश्मन पर टारगेट भी किया जा सकता है। सबसे खास बात है यह कि इस मॉडल को बनाने वाला कोई इंजिनियर नहीं और नहीं उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। घर में पड़े कबाड़ और खिलौने से यह मॉडल तैयार किया है। अब बस उसे उम्मीद है कि इस मॉडल को सेना अपने बचाव के लिए इस्तेमाल करें। इसके लिए यह स्टूडेंट पीएम मोदी को लेटर लिख अपने इस मॉडल की जानकारी देगा।
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करना चाहता था इंजीनियरिंग
सचेंडी थाना क्षेत्र के संचेडी गांव में रहने वाले विमल गौतम ने इसी साल बीए कम्प्लीट किया है। विमल इंजीनियरिंग करना चाहता था लेकिन 2009 में बीमारी के कारण पिता स्वर्ण कुमार का निधन हो गया। परिवार में अब मां मायादेवी दो बड़े भाई सुनील और नील कमल है। पिता की मौत के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई। इसकी वजह से विमल इंजीनियरिंग नहीं कर सका।
क्या कहते हैं विमल?
मेरी इच्छा थी कि मै इंजिनियर बनकर देश की सेवा करूं। बचपन से ही में कोई इलेक्ट्रानिक प्रोडक्ट या खिलौने देखता था तो उसको खोल कर जरूर देखता था कि इसके अन्दर क्या और यह अपना काम कैसे कर रही है। अगर कोई चीज ख़राब हो जाती थी तो मैं उसे ठीक करके ही दम लेता था और वही आदत आज भी है।
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टीवी पर न्यूज देखकर आया विचार
मैंने कई बार टीवी पर न्यूज देखा की अतंकवादियो ने जम्मू में सेना पर हमला कर दिया है। हमारे कई जवान शहीद हो जाते है तभी मेरे मन में विचार आया कि क्यों न सेना के लिए कुछ ऐसा मॉडल तैयार किया जाए जो वह दूर से बैठ कर दुश्मन को टारगेट कर सके और जिसका निशाना अचूक हो। तभी मैंने घर में बेकार पड़ी चीजो को इकठ्ठा किया। जैसे साइकिल का धुरा, साइकिल की हैंडल की कटोरी, बेरिंग, सेंसर और बैटरियों को जमा किया।
यह गन 10 मीटर तक कर सकती है टारगेट
इन सभी को जोड़ कर एक मॉडल तैयार किया उस पर एक प्लास्टिक की गन लगाई। रिमोट कंट्रोल के लिए बेकार पड़े वीडियो गेम के रिमोट का इस्तेमाल किया है। इस स्ट्रक्चर पर गन लगा कर रिमोट के सहारे इसे चारो दिशाओं में घूमा सकते है। टारगेट करने के लिए लेजर लाइट का इस्तेमाल भी किया गया है, इसका निशाना अचूक है। यह गन 10 मीटर तक टारगेट कर सकती है।
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इससे घुसपैठियों पर रखी जा सकेगी नजर
विमल कहते हैं कि यह मॉडल अगर सेना के जवानों के लिए बार्डर पर इस्तेमाल किया जाए तो यह मिल का पत्थर साबित होगी। जब यह मॉडल सेना के पास जाएगा तो इसका सेंसर हाई लेबल का होगा और इसकी रेंज 5 से 10 किलोमीटर होगी। एके 47 जैसी गन आसानी से इस रिमोट से चलाई जा सकती है। इस गन पर लेजर लाइट के साथ एक कैमरा भी लगाया जा सकता है। इससे दुश्मन बच न पाएं और सेना घुसपैठियों पर नजर भी रख सकती है।
उरी हमले में शहीद हुए जवानों को दी श्रद्धाजंलि
उसने बताया बताया की इसमें जो मैंने सेंसर लगाया है इसकी क्षमता बहुत कम है। इसकी वजह से इसकी टारगेट रेंज कम है। मेरा यह माडल उरी में शहीद हुए जवानो के लिए समर्पित है। उनके बलिदान को ध्यान में रख उनको श्रदांजली देता हूं।
विमल पीएम मोदी को लिखेंगे लेटर
उसने बताया कि सेना के लिए एक माडल ऐसा तैयार कर रहा हूँ जो गन प्वाइंट के सामने से जो भी निकलेगा वह गन ऑटोमैटिक फायर कर देगी। इससे दुश्मन बच नहीं सकता था लेकिन रुपयों के आभाव की वजह से मैं इस काम को नहीं कर पा रहा हूं। विमल इस प्रोजेक्ट को पीएम मोदी के सामने रखना चाहते हैं। इसके लिए उनको एक लेटर लिखकर पोस्ट करने वाले हैं ताकि वह इस प्रोजेक्ट को बड़े पैमाने पर तैयार कर सेना की मदद करें।
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क्या कहती है विमल की मां?
विमल को बचपन से इस तरह के कामो में रूचि थी। कभी-कभी तो वह इलेक्ट्रानिक सामान और खिलौने को समझने के लिए अच्छी चीजों को भी बिगाड़ देता था। इसके लिए काई बार उसकी पिटाई भी हो चुकी है लेकिन यह सब उसका जूनून था। वह कभी भी बेकार पड़ी चीजो को फेंकता नहीं था बल्कि उनका इस्तेमाल करता था। उसका कहना है कि कोई चीज बेकार नहीं होती है बल्कि यह समझ होना चाहिए कि इसका इस्तेमाल कहा करना और कैसे करना है।
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