अगर आपका बच्चा भी है गोल मटोल तो ना ले उसे हल्के में,अभी से हो जाए सावधान

Update: 2018-08-30 16:29 GMT

जयपुर:हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा गोल-मटोल और हृष्ट-पुष्ट हो। गोल-मटोल बच्चा भले दिखने में प्यारा लगे, लेकिन उसका मोटापा और उसके शरीर में जमा हो रही चर्बी, कम उम्र में ही उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग जैसे कई गंभीर रोगों से ग्रस्त होने का कारण बन सकती है। बच्चों में बढ़ते मोटापे को लेकर पैरेंट्स को जागरूक रहना चाहिए।

कारण बच्चों मे मोटापा उनके खान-पान की गलत आदतों के कारण होता है। छोटे बच्चे स्नैक्स, जंक फूड, फास्ट फूड खाना ज्यादा पसंद करते हैं, जिनमें कैलोरी बहुत ज्यादा होती है। इनके अलावा केक, पेस्ट्री और मिठाइयों जैसे अधिक कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से भी मोटापा बढ़ता है। बच्चों में मोटापे का एक और कारण है, शारीरिक रूप से सक्रिय न होना। ज्यादातर बच्चे किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि में शामिल नहीं होते। इसके बजाय वे वीडियो गेम खेलना, टीवी देखना, मोबाइल में गेम खेलना ज्यादा पसंद करते हैं। कुछ बच्चों में मोटापा आनुवांशिक भी होता है। बच्चे के माता-पिता का वजन ज्यादा हो तो बच्चों में भी मोटापा होने की संभावना बढ़ जाती है।

मोटे बच्चों को कम उम्र में ही मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग, नींद न आने की समस्या, कैंसर, यकृत रोग, लड़कियों में मासिक धर्म का जल्दी शुरू होना, त्वचा में संक्रमण, जोड़ों और हड्डियों की समस्याएं, अस्थमा और श्वसन से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। इसी तरह मोटापा बच्चों के बाल मन पर भी असर डालता है। दरअसल, दूसरे बच्चे, मोटे बच्चों को चिढ़ाते हैं, इससे वे अपने शारीरिक गठन की वजह से लो कॉन्फिडेंट हो जाते हैं। ऐसे बच्चे अकेलेपन की समस्या से घिर जाते हैं।

OMG: इतनी कम उम्र के बच्चों में भी डिप्रेशन,पैरेंट्स हो जाए सावधान

समाधान: बच्चों की मोटापे की समस्या दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है, उन्हें शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए मोटिवेट करना। बच्चे को ज्यादा से ज्यादा स्पोर्ट्स, फिजिकल एक्टिविटी में हिस्सा लेने के लिए कहें।

अपने बच्चे में आउटडोर गेम का शौक पैदा करें। गेम्स के अलावा उसे डांस में हिस्सा लेने के लिए भी कह सकती हैं। इससे भी मोटापे को बीट किया जा सकता है।

टीवी के सामने सारा दिन बैठे रहने वाला बच्चा भी कम सक्रिय हो जाता है। यह मोटापे की एक बड़ी वजह है, इसके लिए जरूरी है कि बच्चे का टीवी देखने का समय निश्चित करें। बच्चे को मोबाइल न दें। इंडोर गैजेट्स से भी बच्चों की दूरी बनाए रखें।

बच्चे के मोटापे को कम करने और बेहतर स्वास्थ्य के लिए भरपूर नींद भी जरूरी है। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि बच्चा भरपूर नींद ले। लंबे समय तक या बहुत कम समय तक सोना बच्चे को मोटा बना सकता है।

डायट बच्चे को कोल्ड ड्रिंक से बिल्कुल दूर रखें। इसी तरह शुगर ड्रिंक, फ्रूट ड्रिंक पीने से भी बच्चे को दूर करें। बच्चे को जंक फूड, फास्ट फूड से दूर रखें और बच्चे को फाइबर युक्त आहार दें। फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है। इससे अधिक कैलोरी सेवन के बिना लंबे समय तक पेट भरा रखता है। राजमा, ब्रोकली, मटर, नाशपाती, साबुत अनाज का पास्ता, ओटमील फाइबर के अच्छे स्रोत हैं।

सफेद चावल, घी, मैदा और चीनी से परहेज करें, क्योंकि इनमें ज्यादा मात्रा में वसा पाई जाती है। बच्चे को स्कूल के लिए लंच घर से पैक करके दें। इससे वह बाहर का खाना खाने से बचेगा। कोशिश करें कि आप जो बना रही हैं, वह बच्चे को स्वादिष्ट भी लगे, तभी वह बाहर का खाना खाने से बचेगा।

बच्चे को नाश्ता जरूर कराएं, क्योंकि नाश्ता दिन का सबसे अहम आहार होता है। नाश्ता करने से उसमें एकाग्रता बढ़ती है और वह स्कूल में पढ़ाई पर ध्यान लगा पाता है।

 

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