बारिश, धूप या ठंड: एक क्लिक में जानें अपने शहर के मौसम का हाल

ठंड का मौसम शुरू हो चुका है और उत्तर भारत की बात करें तो कई जगहों पर बर्फबारी भी हो रही है। जानकारी मिल रही है कि एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर पर बना हुआ है।

Update: 2019-11-27 04:58 GMT

नई दिल्ली: ठंड का मौसम शुरू हो चुका है और उत्तर भारत की बात करें तो कई जगहों पर बर्फबारी भी हो रही है। जानकारी मिल रही है कि एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर पर बना हुआ है। जम्मू-कश्मीर पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ और इससे प्रभावित एक चक्रवाती हवाओं का अक्षेत्र उत्तरी राजस्थान और उसके आसपास के क्षेत्र पर है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के कई जगहों पर आज बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके साथ ही उत्तराखंड में मौसम से जुड़ी गतिविधियां बढ़ जाएंगी और कुछ जगहों पर भीषण बारिश से इनकार नहीं किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के एक दो स्थानों पर हिमपात का भी अंदाजा लगाया जा रहा है।

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एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक उत्तर पश्चिमी मैदानी जगहों की बात करें तो पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जगहों पर आज बारिश देखने को मिल सकती है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में एक दो स्थानों पर बारिश होने का अंदाजा है। देश के उत्तर पश्चिमी इलाकों में तापमान नार्मल से ऊपर रहेगा। इसी बीच मध्य भारत में मध्य प्रदेश के दो स्थानों पर भी बारिश होने का अंदाजा है।

दिल्ली के प्रदूषण स्तर का हाल जानिए

वायु की हल्की गति की वजह से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में मंगलवार को मामूली बढ़त देखने को मिली जबकि अगले 48 घंटों की स्थिति बारिश पर निर्भर करेगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मंगलवार शाम चार बजे शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 270 दर्ज किया गया जो सोमवार के मुकाबले 18 अधिक था। नेहरू नगर सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र रहा जहां AQI 330 दर्ज किया गया जबकि दिलशाद गार्डन AQI 163 के साथ सबसे कम प्रदूषित क्षेत्र था।

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गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम और नोएडा में भी वायु गुणवत्ता में मामूली गिरावट देखी गयी। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि वायु की गति कम होने की वजह से मंगलवार को प्रदूषक तत्व हवा में अधिक मात्रा में एकत्र हो गए और बुधवार की स्थिति बारिश पर निर्भर करेगी। वैज्ञानिकों ने बताया कि यदि बुधवार को पर्याप्त वर्षा होती है तो प्रदूषक तत्व बह जाएंगे लेकिन कम बारिश होने से समस्या बढ़ जाएगी।

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