राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2020: भारत के लिए बहुत ख़ास, महिलाओं के नाम आज का दिन

भारत आज यानी 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) के तौर पर मना रहा है। इस साल की थीम "Women in Science" है।

Update: 2020-02-28 09:34 GMT

लखनऊ: भारत आज यानी 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) के तौर पर मना रहा है। विज्ञान ने दुनिया को बहुत कुछ दिया। जीवन अब विज्ञान के बिना अधूरा सा है। मूलभूत सुविधाओं की प्राप्ति के लिए भी व्यक्ति विज्ञान पर पूरी तरह से आश्रित है। बता दें कि इस साल की थीम "Women in Science" है। सवाल ये है कि विमन इन साइंस ही क्यों, और भारत आज के दिन ही राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्यों मनाता है।

क्यों मनाया जाता है विज्ञान दिवस:

दरअसल, वैज्ञानिक सीवी रमन (CV Raman) ने साल 1986 आज ही के दिन ‘रमन प्रभाव' (Raman Effect) का आविष्कार किया था। भारत की इस उपलब्धि के बाद इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के तौर पर मनाना तय किया गया। पहला नेशनल साइंस डे 28 फरवरी 1987 को मनाया गया। बता दें कि पारदर्शी पदार्थ से गुजरने पर प्रकाश की किरणों में आने वाले बदलाव की महत्‍वपूर्ण खोज के लिए पहले उन्हें 1930 में नोबेल और फिर 1954 में भारत रत्न से नवाजा गया।

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विमेन इन साइंस थीम पर आधारित ये विज्ञान दिवस

वहीं इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2020 के लिए थीम 'Women In Science' है। इस थीम का मकसद विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान की सरहना करना है। इसी कड़ी में राम नाथ कोविंद ने आज विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान देने वाली महिला वैज्ञानिकों को पुरस्कार प्रदान किया। इस मौके पर साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी मिनिस्‍टर डॉ हर्षवर्धन तथा टेक्‍सटाइल मिनिस्‍टर स्‍मृति ईरानी मौजूद भी रहे। कुल 21 पुरस्‍कार विज्ञान के क्षेत्र में योगदान देने वाली महिला वैज्ञानिकों को दिए गये।

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विज्ञान ने दिया दुनिया को ये सब

विज्ञान ने दुनिया को रहने योग्य बेहतर जगह बनाने के साथ ही इंसान को जानवर से अलग होने की एहमियत दी है। सुबह जगने से लेकर रात में सोने तक हर चीज में हमे विज्ञान से आविष्कार हुई चीजों की जरूरत होती है। जीवन में प्रकाश विज्ञान से हैं तो जीवन को दौडाने वाला पहिया भी विज्ञान से है।

धरती से दोगुना यह ग्रह, विज्ञान की है खोज

विज्ञान हमे धरती से अलग दूसरे ग्रहों तक पहुँचाने का काम भी कर रहा है। इसी कड़ी में कैंब्रिज एस्ट्रोनॉमनी इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ग्रह की खोज की है, जहां के हालात धरती जैसे हैं। यहां पानी भी है और हाइड्रोजन की परत भी। जीवन के लिए जरुरी सभी गैसे भी यहां है। अब वैज्ञानिक इस ग्रह पर लोगों के बसने को लेकर काम कर रहें हैं। इस ग्रह का नाम है के2-18बी। ये पृथ्वी की तरह रहने लायक है और आकार में भी धरती से दोगुना भी है।

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