अजीबो-गरीब थे पुराने जमाने में गर्भनिरोध के तरीके, क्या जानते हैं आप?

Update:2018-01-18 11:22 IST

जयपुर: अनचाहा गर्भ, गर्भनिरोध,इस समस्या से आसानी से निजात पाया जा सकता है। आज की टेक्नोलॉजी ने इसे काफी आसान बना दिया है।लेकिन सोचिए जब सारी चीजें आसानी से उपलब्ध नहीं थी तब लोग कैसे अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाते होंगे। पुराने समय में महिलाओं के लिए अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाना आसान नहीं था। लेकिन इसके बावजूद वह कुछ ऐसे तरीके अपनाती थी, जिसके कारण वह आसानी से गर्भनिरोध कर लेती थीं।

*पुराने समय में कहा जाता था कि महिलाओं को प्रेगनेंसी रोकने के लिए इंटरकोर्स के बाद उकड़ू (स्कवैट) बैठकर छींकना चाहिए। अपनी सांस रोककर ऊपर नीचे कूदने से भी गर्भनिरोध किया जा सकता है । प्राचीन काल में महिलाएं गर्भनिरोध के लिए मगरमच्छ के मल और शहद को वजाइना में मलती थीं ।

*शारीरिक संबंध के लिए महिलाएं अक्सर ही इसका इस्तेमाल करती थी और काफी लंबे दौर तक इसका इस्तेमाल चलन में रहा। जानवर के अंडाशय का इस्तेमाल इंटरकोर्स के दौरान महिलाओं के गले में इसे बांध दिया जाए तो गर्भनिरोध का काम हो जाएगा।

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*पौराणिक कथा कहानियों में बताया गया है कि कई महिलाएं इसे थाई पर भी बांधती थीं प्रेगनेंसी रोकने के लिए गधे के मल और काली बिल्ली के शरीर की एक खास हड्डी का भी इस्तेमाल करते थे। कई हजार सालों तक महिलाओं ने गर्भनिरोध के लिए ऐसे तरीके इस्तेमाल किए है।

*महिलाएं प्रेगनेंसी रोकने के लिए लेड मिला हुआ पानी पीती थी लेड के इस्तेमाल का एक साइड इफेक्ट फर्टिलिटी घटना भी थी। नींबू का इस्तेमाल पुराने जमाने में गर्भनिरोध के लिए किया जाता था। 18वीं सदी में 'दुनिया के महान लवर' के नाम से जाने जानेवाले कैसानोवा ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए गर्भावस्था को रुकने के रूप में नींबू का इस्तेमाल करने वाली अपनी पार्टनर्स का जिक्र किया है।

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