नई दिल्ली : बीते कुछ दिनों से मायानगरी मुंबई में भयंकर बारिश और बाढ़ से जन-जीवन अस्त-व्यस्त सा हो गया। भारी बारिश के चलते यहां स्थिति बद से बदतर होती चली गई। ऐसे में यहां के लोग इन सब हालातों से निपटने की तैयारी कर ही रहे थे कि तेजी से फ़ैल रही एक बीमारी ने यहां कई और जीवन निगल लिया।
जी हां मलेरिया के अलावा अब यहां लेप्टोस्पायरोसिस नाम की बीमारी लोगों की जिंदगियों को निगल रही है। इससे अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है।
यहां चूहों के 17 बिलों में कीटनाशक दवा का छिड़काव किया है ताकि रोग को फैलने से बचाया जा सके।
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क्या है ‘लेप्टोस्पायरोसिस’
यह एक जीवाणु रोग है, जोकि मनुष्यों और जानवरों को प्रभावित करता है। यह लेप्टोस्पिरा जीनस नाम के बैक्टीरिया की वजह से होता है। यह संक्रमित जानवरों के मल-मूत्र के जरिये फैलता है, जो पानी या मिट्टी में रहते हुए कई सप्ताह से लेकर महीनों तक जीवित रह सकते हैं।
कैसे फैलती है यह बीमारी
लेप्टोस्पिरा जीनस नामक बैक्टीरिया शरीर में एक बार दाखिल होने के बाद 24 घंटे के अंदर पूरे शरीर में फैल जाती है। आमतौर पर बारिश व गन्दा पानी होना इसके बैक्टीरिया फैलने की मुख्य वजह हैं डॉक्टरों की मानें तो यह रोग दूषित पानी पीने के संक्रमण हो सकता है।
घेर सकते हैं आपको ये रोग -
डॉक्टरों के मुताबिक़, अगर वक्त रहते अगर लेप्टोस्पायरोसिस का उपचार न किया जाए तो यह आपके गुर्दे की क्षति, मेनिनजाइटिस (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के चारों ओर सूजन), लीवर की विफलता, सांस लेने में परेशानी और यहां तक की मौत की वजह भी बन सकता है।
ये हैं लक्षण
‘लेप्टोस्पायरोसिस’ के कुछ लक्षणों में तेज बुखार आना, सिरदर्द, ठंड, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, पीलिया, लाल आंखें, पेट दर्द, दस्त आदि शामिल हैं।
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क्या है उचित निदान
वैसे तो फर्स्ट स्टेज यानी शुरुआती प्रक्रिया में लेप्टोस्पायरोसिस का निदान करना मुश्किल होता है, क्योंकि लक्षण फ्लू और अन्य आम संक्रमणों जैसे ही प्रतीत होते हैं। लेप्टोस्पायरोसिस का इलाज चिकित्सक द्वारा निर्धारित विशिष्ट एंटीबायोटिक्स के साथ किया जा सकता है।
गर्म इलाकों में होती है यह बीमारी
लेप्टोस्पायरोसिस नामक बीमारी अक्सर गर्म शहरों में होती है यह बीमारी अफ्रीका, साउथ ईस्ट एशिया, सेंट्रल और साउथ अमेरिका और कैरेबियन देशों में ज्यादा देखी गई है। लेकिन चूंकि इसके बैक्टीरिया काफी तेजी से फैलते हैं इसीलिए इसका कहर अब मुंबई में भी साफ़ नजर आ रहा है।
वैसे तो यह बीमारी गर्म इलाकों में होती है, लेकिन बारिश के कारण बैक्टेरिया तेजी से फैलते हैं। डॉक्टर ने बताया कि बारिश के बाद बाढ़ के कारण लेप्टोस्पायरोसिस तेजी से बढ़ता है। ख़ासकर चूहों से क्योंकि चूहों के जरिये गंदगी खाने और बाकी जगहों पर पहुंचती है। इससे बचने के लिए अपने आस-पास सफाई का ख़ास ध्यान रखें और पानी भी साफ़ पिये।