बाइबिल के ये उपदेश हैं बिल्कुल गीता की तरह

आज गुड़ फ्राईडे है, और आज के इस दिन  को ईसाई धर्म के लोग शोक के रूप में मनाते हैं। क्योंकि आज ही के दिन प्रभु यीशु को फांसी दी गयी थी।

Update:2019-04-19 11:07 IST

लखनऊ: आज गुड़ फ्राईडे है, और आज के इस दिन को ईसाई धर्म के लोग शोक के रूप में मनाते हैं। क्योंकि आज ही के दिन प्रभु यीशु को फांसी दी गयी थी।

प्रभु यीशु सत्‍य, अहिंसा, प्रेम, करुणा, भाईचारा, सहनशीलता और सदाचार पर जोर देते थे वे सभी लोगों को इसी बारे में ज्ञान प्रदान करते थे।

उनके द्वारा दिए गए उपदेश गीता उपदेश की तरह हैं, जिससे यह समझ में आता है कि संसार के सभी धर्मों का सार एक ही है। हर मजहब में सत्‍य, अहिंसा, प्रेम, करुणा, भाईचारा, सहनशीलता, सदाचार आदि पर जोर दिया गया है।

ईसा मसीह ने करीब 2000 साल पहले जो उपदेश दिए, उसका सार भी ऐसा ही है। बाइबिल में संग्रह किए गए ईसा मसीह के उपदेश पढ़कर किसी भी इंसान के मन का अंधेरा दूर हो सकता है। ये महज कोरे उपदेश नहीं हैं, बल्‍कि तर्क की कसौटी पर भी एकदम खरा उतरते हैं। जिन्‍हें अपने जीवन में उतारकर कोई भी व्‍यक्‍त‍ि एक सच्‍चा इंसान बन सकता है।

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1. प्रभु के आगे भेंट चढ़ाने या प्रार्थना करने से पहले तुम अपने भाई से मेल-मिलाप करो। अपने प्र‍ियजनों के प्रति अगर मन में बैर-भाव हो, तो उसे त्‍यागकर ही प्रार्थना करने के सच्‍चे हकदार बन सकते हो।

2. पराई स्‍त्री पर बुरी नजर डालना भी उतना ही गलत है, जितना कि किसी से साथ शारीरिक तौर पर व्‍यभिचार करना। अगर तेरी दाहिनी आंख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर फेंक दे। तेरे लिए अच्‍छा यही है कि भले ही एक अंग का नाश हो जाए, पर सारा शरीक नरक में डाले जाने से बच जाए।

3. कहा जाता है कि झूठी शपथ न खाना, पर मैं कहता हूं कि कभी भी शपथ न खाना। अपने सिर की भी शपथ न खाना, क्‍योंकि अपने सिर के एक भी बाल को तुम अपनी मर्जी से सफेद या काला नहीं कर सकते।

4. अगर कोई तुम्हारे दाहिने गाल पर थप्‍पड़ मारता है, तो उसकी तरफ दूसरा गाल भी फेर दो। अगर कोई नालिश करके तेरा कुर्ता लेना चाहता है, तो तुम उसे अपनी चादर भी उसे ले जाने दो।

5. अगर कोई तुमसे उधार मांगे, तो उससे कभी मुंह न मोड़ो।

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6. जो लोग तुम्‍हारे प्रति द्वेष की भावना रखते हैं, तुम उनसे भी प्रेम करो। जो तुम्‍हें सताते हैं, तुम उनके लिए भी प्रार्थना करो। सूरज धर्म का पालन करने वाले और अधर्मी, दोनों ही तरह के लोगों को रोशनी देता है। अगर तुम केवल उन्‍हीं से प्रेम करोगे, जो तुम्‍हें प्रेम करते हैं, तो इससे तुम्‍हें क्‍या फल मिलेगा?

7. सिर्फ दूसरों को दिखाने के लिए धार्मिक काम मत करो।

8. अगर दाहिने हाथ से दान करो, तो बाएं हाथ को भी इस बात का पता न लगने दो।

9. परमेश्‍वर सब जानते हैं। तुम्‍हारे मांगने से पहले ही प्रभु को यह मालूम है कि तुम्‍हारी जरूरतें क्‍या-क्‍या हैं।

10. आने वाले कल की कोई चिंता मत करो, कल का दिन अपनी चिंता खुद कर लेगा। आज के लिए आज का ही दुख काफी है। प्रभु से बस आज दिनभर की रोटी मांगो। तुममें से ऐसा कौन है, जो चिंता करके, अपनी उम्र एक घड़ी भी बढ़ा सकता है?

11. अगर तुम दूसरों के अपराध को माफ करोगे, तो प्रभु तुम्‍हारे गुनाह माफ करेंगे। अगर तुम दूसरों को माफ नहीं करोगे, तो प्रभु के दरबार में तुम्‍हें भी माफी नहीं मिलेगी।

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12. अगर उपवास करो, तो चेहरे पर उदासी कभी न आने दो। दूसरों को अपने उपवास का पता न चलने दो।

13. धरती के इस जीवन के लिए कभी धन-दौलत जमा न करो, जहां चोर उसे चुरा ले जाते हैं. अपने लिए स्‍वर्ग में धन जमा करो, जहां चोर आदि का कोई भय नहीं है।

14. अगर तेरी आंख निर्मल होगी, तो तुम्‍हारा सारा शरीर भी निर्मल होगी। अगर तेरी नजर अच्‍छी होगी, तो तुम्‍हारा जीवन उजाले से भरा होगा।

15. कोई भी इंसान एक साथ दो स्‍वामियों की सेवा नहीं कर सकता। तुझ प्रभु और धन, दोनों की सेवा एक साथ नहीं कर सकते।

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16. अपने प्राण के लिए यह चिंता न करना कि क्‍या खाएंगे, क्‍या पिएंगे? शरीर के लिए यह चिंता न करना कि क्‍या पहनेंगे? क्‍या प्राण भोजन से और शरीर वस्‍त्र से बढ़कर नहीं है? अगर प्राण और शरीर की रक्षा प्रभु करते हैं, तो बाकी भी उनकी मर्जी पर छोड़ दो।

17. आकाश में उड़ते हुए परिंदों को देखो, वे न तो कुछ बोते हैं, न काटते हैं, फिर उनका पालन कौन करता है? फिर तुम्‍हारा मोल तो उन परिंदों से भी ज्‍यादा है।

18. जिस तरह तुम दूसरों पर दोष, लगाते हो, उसी तरह तुम पर भी दोष लगाया जाएगा। जिस पैमाने से तुम दूसरों को मापते हो, तुम्‍हें भी उसी से मापा जाएगा।

19. जो मांगता है, वह पाता है। जो ढूंढता है, वह पाता है। जो दरवाजा खटखटाता है, उसके लिए खोला जाता है।

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20. जिस तरह अच्‍छा पेड़ अच्‍छा फल लाता है और बुरा पेड़ बुरा फल लाता है, उसी तरह अच्‍छे कर्मों का नतीजा अच्‍छा होता है और बुरे कर्मों का नतीजा बुरा होता है।

21. तुझमें से ऐसा कौन है, जो अपनी संतान के रोटी मांगने पर उसे पत्‍थर देता हो? मछली मांगने पर उसे सांप देता हो? अगर बुरा से बुरा इंसान अपनी संतान को अच्‍छी चीजें देना जानता है, तो भला परमपिता परमेश्‍वर भी तुम्‍हें केवल अच्‍छी ही चीजें क्‍यों न देंगे।

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