सावधान! ऐसे बच्चों में नहीं होता किसी से लगाव, पैरेंट्स कहीं आप तो नहीं जिम्मेदार
जयपुर: बच्चों के दिमाग पर घर के माहौल का असर पड़ता है। इसके लिए माता-पिता को विशेष ध्यान रखना चाहिए। माता-पिता और घर के बाकी सदस्यों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह कोई भी ऐसा काम न करें, जिसका बुरा असर बच्चों पर पड़े। इनमें से एक है हिंसा,हिंसा किसी भी इंसान को अंदर से झकझोर सकती है। लेकिन लड़ाई-झगड़ों का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है। हिंसा के कारण बच्चे को गहरा मानसिक आघात पहुंचता है। वेब वर्ल्ड की दुनिया में बच्चे आसानी से किसी भी हिंसक सामाग्री तक पहुंच जाते हैं। जैसे कहीं कोई भी हिंसा होती है इंटरनेट या न्यूज के माध्यम से बच्चों को पता चल जाता है। इस तरह की हिंसा हो या घरेलू हिंसा इसका बच्चों के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है।
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हाल में हुई एक रिसर्च में इस बात की पुष्टि की गई है कि जो बच्चे ज्यादा हिंसा देखते हैं, करते हैं या शिकार होते हैं उन बच्चों में अवसाद, गुस्सा और तनाव अन्य बच्चों की तुलना में ज्यादा होता है। साथ ही इसके अलावा इस तरह के बच्चों में दूसरे बच्चों के प्रति भाईचारे की भावना भी कम होती है। ऐसे में पैरेंट्स की हमेशा यह कोशिश रहनी चाहिए कि किसी भी हिंसात्मक घटना को समझने और उसका सही तरह से सामना करने में बच्चों की मानसिक तौर पर मदद करें। साथ ही बच्चों से बात करें और उनकी बात को सुनने-समझने की कोशिश करें। ज्यादातर पैरेंट्स अपने बच्चों की बात बचपन में तो सुनते हैं, लेकिन किशोरावस्था में ध्यान नहीं देते हैं, जबकि किशोरावस्था में भी बच्चों को मानसिक तौर पर सहयोग की जरूरत होती है।