इलाहाबाद: वर्ष 1984 में हुए सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को मुआवजा व पुनर्वास के पैकेज को लागू करने की मांग में दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई 10 नवम्बर को होगी।
कोर्ट ने याची से सरकार द्वारा पैकेज पूरी तरह से लागू कर दिए जाने को लेकर दाखिल जवाबी हलफनामे का जवाब दाखिल करने का समय दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन तथा न्यायमूर्ति राजीव जोशी की खंडपीठ ने श्री गुरू सिंह सभा कानपुर की तरफ से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है।
याची का कहना है कि दिल्ली में मृत परिवारों को पांच लाख रुपए दिए गए हैं। यूपी सरकार ने मोती लाल बोरा की संस्तुतियों व केन्द्र सरकार के पैकेज को पूरी तरह से लागू नहीं किया है, जबकि अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी का कहना है कि राज्य सरकार ने केन्द्र के नुकसान का दस गुना मुआवजा देने के आदेश का पालन कर दिया है। याची ने जो दो नाम दिए उनकी अर्जी ही सरकार को नहीं दी गयी है। अगली सुनवाई अब 10 नवम्बर को होगी।