ऐसा है ये IPS थर-थर कांपते हैं अपराधी, किस्से जान रह जाएंगे दंग

भीड़ देखते ही एसपी शिवहर मीणा ने बच्चे को खोजने के लिए जान की परवाह किए बिना वर्दी पहने-पहने तालाब में कूद पड़े थे। वहां खड़ी भीड़ भी ये मंजर देख कर दंग रह गए थी। अंत में उन्होंने नोमान की लाश तालाब से बरामद किया था।

Update:2020-01-19 14:07 IST

फरीद अहमद

सुल्तानपुर: 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी शिव हरि मीणा ने सुल्तानपुर एसपी के रूप में कमान संभाली है। काम के प्रति ईमानदारी और पब्लिक डील के चलते वो हमेशा सुर्खियों में रहे। यही नही उनसे जो भी मिला वो उनके व्यक्तिव का दीवाना हो गया। यूपी में अब तक वो आधा दर्जन से ऊपर जिलों में एसपी रह चुकें हैं। उनके उस कार्यकाल के कुछेक किस्से हम आपसे शेयर कर रहे हैं।

किस्सा -1

इटावा के पत्रकार ओवैस चौधरी बताते हैं कि जिले के ऊसराहार थाने में तैनात सिपाही रमेश चन्द्र ने हार्निया का ऑपरेशन कराया था। उसे स्वास्थ्य संबन्धी दिक्कतें थी और वह लंगड़ाकर डंडे के सहारे एसएसपी ऑफिस की तरफ जा रहा था। ये बात है 19 मार्च 2017 की, कि उसी समय डीएम आवास के पास से गुजर रहे एसएसपी शिवहरी की नजर रमेश चन्द्र पर पड़ी। उन्होंने अपने चालक को गाड़ी रोकने के लिए कहा और खुद गाड़ी से उतरकर सिपाही रमेश से बातचीत की। रमेश ने उन्हें अपनी समस्या के बारे में बताया और जानकारी दी कि वह उनके कार्यालय छुट्टी मंजूर करवाने के लिए आ रहा था। एसएसपी ने सिपाही से प्रार्थना-पत्र लिया और उनकी छुट्टी मंजूर की। फिर अपनी सरकारी गाड़ी में रमेश चन्द्र को बिठाया और अपने चालक से उन्हें घर तक छोड़कर आने का आदेश दिया। इसके बाद एसएसपी पैदल अपने कार्यालय की तरफ निकल पड़े थे।

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किस्सा-2

रामपुर के एक पत्रकार बताते हैं कि यहां बहुत आईपीएस आए और गए लेकिन 29 सितंबर 2018 को रामपुर के एसपी में शिव हरि मीणा ने जब पद भार सम्भाला था तो लगा की आईपीएस केवल आईपीएस नही होता बल्कि उसका जीवन भी सादगी से भरा होता है। वो बताते हैं कि शिव हरि मीणा ऐसे पहले पुलिस एसपी थे जो रोजाना ऑफिस में आकर सबसे पहले अपनी कुर्सी मेज की साफ सफाई करते हैं, बाद में ऑफिस में लगी पुरानी तस्वीरों की साफ सफाई करते थे। ऑफिस में तैनात सफाई कर्मचारी और खुद पुलिस कांस्टेबल दरोगा भी हैरत करते थे। शिव हरी मीना ने कहा था इसमें हैरत करने की जरूरत नहीं है यह मेरी अपनी नैतिक जिम्मेदारी है कि जहां-जहां रहां वहां यूं ही अपनी ये जिम्मेदारी निभाई है। आगे भी निभाता रहूंगा।

किस्सा 3

रायबरेली में तैनाती के दौरान उनके कई किस्से सामने आए थे। पत्रकार नरेंद्र सिंह बताते हैं कि 2018 में नोमान नाम के युवक की मौत को गई थी, जिसको लेकर राजनीति गर्मा गई थी। सदर के पूर्व विधायक स्व. अखिलेश सिंह लाव लश्कर लेकर मौके पर पहुंचे थे और प्रशासन को आड़े हाथों लेने लगे थे। भीड़ देखते ही एसपी शिवहर मीणा ने बच्चे को खोजने के लिए जान की परवाह किए बिना वर्दी पहने-पहने तालाब में कूद पड़े थे। वहां खड़ी भीड़ भी ये मंजर देख कर दंग रह गए थी। अंत में उन्होंने नोमान की लाश तालाब से बरामद किया था।

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किस्सा-4

नरेंद्र सिंह बताते हैं कि त्योहार के मद्देनजर एसपी शिव हरि मीणा रायबरेली के सुपर मार्केट के पास चेकिंग कर रहे थे। उनके साथ सिटी मजिस्ट्रेट, एएसपी और सीओ सिटी भी मौजूद थे। तभी एक मूकबधिर बच्चा उनके पास आया और पूरे अधिकार से उसने एसपी का हाथ पकड़ लिया। बच्चा एसपी को सीधे एक कपड़े की दुकान पर लेकर गया और इशारे से कपड़ा दिलाने के लिए कहा। एसपी ने दुकानदार से कपड़ा देने के लिए कहा, दुकानदार के दिखाए कपड़े बच्चे को पसंद नही आए। अंत में बच्चे ने अपनी पसंद के कपड़े निकलवाए और एसपी ने पैसे पेड किए।

किस्सा-5

पत्रकार मोहन कृष्ण बताते हैं कि रायबरेली के शहर स्थित जीआईसी मैदान में बीजेपी नेता एमएलसी दिनेश सिंह की ओर से पार्टी का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष वर्तमान में गृहमंत्री अमित शाह वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए थे। इन नेताओं की मौजूदगी में कार्यक्रम चल रहा था अचानक शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। इससे भगदड़ मच गई, फिर क्या था एसपी शिव हरि मीणा झट उस आग की लपटों में कूद कर आग को बुझाया था।

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यूपी के इन जिलों में रही है पोस्टिंग

आपको बता दें कि एसपी शिव हरि मीणा मूल रूप से राजस्थान के दौसा के निवासी हैं। उन्हें अपनी शिक्षा राजस्थान के कोटा से कंप्लीट की। आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान वो जौनपुर, आजमगढ़ और अलीगढ़ में एएसपी के तौर पर रहे। गाजियाबाद में एसपी सिटी की पोस्ट पर रहकर लंबी पारी खेली। गाजियाबाद के बाद उन्हें महाराजगंज का एसपी बनाया गया। उसके बाद हापुड़ और बस्ती के एसपी बने। बस्ती के बाद मऊ, इटावा, रायबरेली और कासगंज के भी वो एसपी रह चुके हैं।

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