3 डी मार्कशीट वेरिफायर एप से होगा अंकपत्रों का सत्यापन, तैयार हो रही तकनीक

Update: 2017-10-09 13:13 GMT

लखनऊ: देश भर में मार्कशीटों को हाई सिक्‍योरिटी फीचर से लैस किया जा रहा है। लेकिन फिर भी जाली मार्कशीटें लगाकर लोग सरकारी नौकरी तक पा ले रहे हैं। इसके लिए अब यूपी का प्राविधिक शिक्षा परिषद एक थ्री डी एप बना रहा है। इसके जरिए हाईटेक सिक्‍योरिटी फीचरों से लैस मार्कशीट के सत्‍यापन के लिए इस एप का इस्‍तेमाल किया जाएगा।

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क्‍यू आर कोड को स्‍कैन करेगा एप

प्राविधिक शिक्षा परिषद के उप‍सचिव वरूण यादव के मुताबिक शैक्षिक सत्र 2016 और 2017 के लिए जारी होने वाली डिप्‍लोमा की मार्कशीटों में क्‍यू आर (क्‍विक रिस्‍पांस कोड) कोड के हाईटेक फीचर को सम्‍मलित किया जाएगा। इस कोड की डिकोडिंग 3 डी मार्कशीट वेरिफायर एप से संभव हो पाएगी। प्राविधिक शिक्षा परिषद द्वारा तैयार यह एप फिलहाल उत्‍तर प्रदेश के उच्‍च और तकनी‍की शिक्षण संस्‍थानों की मार्कशीट और डिग्री की सत्‍यता जांचने के लिए किया जाएगा। आगे चलकर इसका देश भर में व्‍यापक प्रयोग किया जाएगा।

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हर स्‍टूडेंट के पास रहेगी एप की एक्‍सेस

3 डी मार्कशीट वेरीफायर एप को प्रदेश के प्राविधिक और उच्‍च शिक्षण संस्‍थान अपने स्‍टूडेंट को डाउनलोड करवाएंगे। इसके बाद मार्कशीट जारी होने के बाद स्‍टूडेंट इससे इन संस्‍थानों द्वारा जारी किसी भी मार्कशीट की सत्‍यता का पता लगा सकेंगे। स्‍टूडेंट जैसे ही इस एप पर क्लिक करेंगे, तुरंत कैमरा का फीचर ऑन हो जाएगा और कैमरे को मार्कशीट के क्‍यूआर कोड पर फोकस करना होगा। इसके बाद स्‍टूडेंट के मोबाइल में पूरी मार्कशीट खुल जाएगी। अगर मार्कशीट फर्जी हुई तो स्‍कैन सक्‍सेसफुल नहीं होगा और एक मैसेज एप पर ही डिस्‍पले होगा जिससे पता चल जाएगा कि मार्कशीट फर्जी है।

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फर्जी डिप्‍लोमा से नहीं ले सकेंगे नौकरी

प्राविधिक शिक्षा परिषद के उपसचिव वरूण यादव ने बताया कि पिछले तीन वर्षो से परिषद के पास कई फर्जी मार्कशीटें वैरिफिकेशन के लिए आई थीं। जिसके बाद परिषद ने इसका तोड़ निकालते हुए 3 डी मार्कशीट वेरीफायर एप बनाने का निर्णय लिया। इस एप से ही मार्कशीट की सत्‍यता का पता चल सकेगा। इसके चलते अब फर्जी डिप्‍लोमा से नौकरी हथियाने वाले अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएंगे।

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