जम्मू कश्मीर की आजादी पर अधिवक्ताओं ने मनाया जश्न
कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता मुख्य स्थाई अधिवक्ता तृतीय सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि कश्मीर से धारा 370 और 35-ए समाप्त होना, हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है, क्योंकि हमने भारत को स्वतंत्र होते तो नहीं देखा, लेकिन जम्मू कश्मीर की आजादी जरूर देखी है। धारा 370 और 35 ए की आजादी देश की आजादी से कहीं अधिक है।
प्रयागराज: जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35-ए समाप्त किए जाने से उत्साहित इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं ने आज मंगलवार को त्रिभुवन उपाध्याय हाल में जश्न मनाया। अधिवक्ताओं ने एक-दूसरे का मुंह मीठा कराकर खुशियां मनायीं।
कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता मुख्य स्थाई अधिवक्ता तृतीय सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि कश्मीर से धारा 370 और 35-ए समाप्त होना, हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है, क्योंकि हमने भारत को स्वतंत्र होते तो नहीं देखा, लेकिन जम्मू कश्मीर की आजादी जरूर देखी है। धारा 370 और 35 ए की आजादी देश की आजादी से कहीं अधिक है।
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कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी ने कहा कि जिस जम्मू कश्मीर की धरती पर कभी जनसंघ के संस्थापक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी आदि ने बलिदान दिया, वह कश्मीर आज हमारा हो गया है।
संचालन कर रहे कार्यक्रम संयोजक एवं बार के पूर्व कार्यवाहक महासचिव राजेश खरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह का आभार प्रकट करते हुए कहा कि आज जब देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री गृहमंत्री वे सब संघ के स्वयंसेवक रहे हैं, तो वह शाखाओं में खेल खेल में कहते थे कि कश्मीर हमारा है और आज उन्होंने वह कर दिखाया।
हाल में अधिवक्ताओं ने जश्न मनाते हुए कश्मीर से धारा 35-ए और 370 हटने पर अधिवक्ताओं के बीच 35 किलो लड्डू का वितरण किया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने भारत माता की जय, वंदे मातरम कश्मीर हमारा है जैसे नारों का उद्घोष किया।
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जश्न मनाने वालों में राजेश खरे, अधिवक्ता मिलन शाखा के मुख्य शिक्षक देशदीपक श्रीवास्तव, अखिलेश मिश्रा गांधी, अवधेश चन्द्र श्रीवास्तव, सुशील पांडेय, नितिन अग्रवाल, पवन श्रीवास्तव, ज्ञान नारायण कनौजिया, शोएब अहमद खान, नंदलाल मौर्य, पंकज श्रीवास्तव, अनिल पाठक, जी पी सिंह, योगेंद्र यादव, कमल देव पांडेय, सुनील सहगल, ज्ञान प्रकाश अस्थाना, विनोद राय, दुर्गेश चंद्र तिवारी, गंगा भूषण मिश्रा, बृजेश कुमार श्रीवास्तव, तेज प्रकाश मिश्र, मृत्युंजय तिवारी, कुलदीप सिंह चैहान, अजय कुमार मिश्र, पहल सिंह चैहान, जितेंद्र पासवान, असलम अली, राजेंद्र प्रसाद मिश्र, डा. अजय कुमार सिंह, प्रेम शंकर पांडेय, लाल बाबू लाल, राजेश शुक्ल, जितेन्द्र सिंह, महावीर वर्मा, मनीष द्विवेदी आदि शामिल रहे।