आखिर कौन है अंसल ग्रुप जिसके मामले में मंत्री स्वाति सिंह की हुई फजीहत

पिछले महीने ही सैकड़ों लोगों से ठगी के आरोपित अंसल ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सुशील अंसल के बेटे प्रणव अंसल को दिल्ली एयरपोर्ट से पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। जब वह लंदन भागने की फिराक में था।

Update: 2019-11-16 13:41 GMT

लखनऊ: राज्य मंत्री स्वाति सिंह के एक आडियो के वायरल होने के बाद ठंडा पडा अंसल ग्रुप का मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। फर्जी टाउनशिप के आरोपित अंसल ग्रुप की पैरवी योगी सरकार की इस महिला मंत्री के करने के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरने का काम शुरू कर दिया है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद कडे तेवर अपनाते हुए पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

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पिछले महीने ही सैकड़ों लोगों से ठगी के आरोपित अंसल ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सुशील अंसल के बेटे प्रणव अंसल को दिल्ली एयरपोर्ट से पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। जब वह लंदन भागने की फिराक में था।

राज्य मंत्री स्वाति सिंह का एक आडियो वायरल

दरअसल हाल ही में राज्य मंत्री स्वाति सिंह का एक आडियो वायरल हुआ है जिसमें वह कैण्ट सीओ को धमका रही है। आडियो पुराना बताया जा रहा है लेकिन उसके वायरल होने के बाद राजनीति त में भूचाल आ गया है। आडियो में मंत्री स्वाति सिंह अंसल डेवलपर्स पर एफआइआर दर्ज कराने को लेकर सीओ कैंट बीनू सिंह से अपनी नाराजगी जता रही हैं। वह कहती हैं कि ‘‘फर्जी मुकदमे दर्ज हो रहे हैं’’ ऊपर से भी आदेश हैं कि ‘‘अंसल के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होगा’’ ‘हाई.प्रोफाइल मामला है’ ‘पहले से ही जांच चल रही है’ ‘मामला सीएम के संज्ञान में भी है्’ इसके जवाब में सीओ ने कहा कि जांच के बाद ही रिपोर्ट दर्ज की गई है। मंत्री ने कहा कि ‘फर्जी है सब, खत्म करिए मामले को साथ ही वह ये भी कह रही हैं कि एक दिन आकर बैठ लीजिएगा अगर यहां पर काम करना है।

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ओपी सिंह से मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा

इस आडियो के वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी ओपी सिंह से मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। डीजीपी ने पूरे मामले की रिपोर्ट एसएसपी कलानिधि नैथानी से मांगी है। पुलिस आडियो की सत्यता का पता कर उसकी फोरसिंक जांच भी कराने जा रही है। उधर विपक्षी दल सत्ता पक्ष पर इस मामले को लेकर लगातार घेरने की कोशिश कर रह है।

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कौन है अंसल ग्रुप और क्या है आरोप

असंल ग्रुप फर्जी प्लाट बेंचने का काम कर रहा था। लेकिन योगी सरकार आने के बाद पुलिस ने शिकंजा कसा और असंल ग्रुप के उपाध्यक्ष प्रणय असंल को उस समय दिल्ली में गिरफ्तार किया जब बवल लंदन भागने की फिराक में था।

अंसल ग्रुप पर आरोप है कि इन लोगों ने बिना जमीन के ही हजारों लोगों को प्लॉट की बुकिंग कर दी। इसके बाद ग्राहकों से करोड़ों रुपये लिए पर उन्हे जमीन नहीं दी। उल्टा कई लोगों को झूठे मुकदमों में फंसा दिया। अपनी रकम वापस पाने के लिए ग्राहक जब अंसल ग्रुप के कार्यालय में पहुंचते तो कर्मचारी उनसे कहासुनी करते। उनकी वीडियो बनाई गई और फिर ग्राहकों के खिलाफ पेशबंदी कर फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए इसके लिए कंपनी ने कुछ अनुसूचित जाति के लोग, महिलाएं और अन्य दबंग कर्मचारी भी तैनात कर रखे हैं।

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बिना जमीन खरीदे ही कईयों को बेच दिए प्लाट

उसने बिना जमीन खरीदे ही लोगों को प्लॉट, विला और फ्लैट बेच दिए। इनमें से ज्यादातर लोगों ने शिकायत की है कि उनसे रुपये लेने के बाद कंपनी ने प्लॉट नहीं दिया। अंसल ग्रुप के खिलाफ प्रदेश ही नहीं, देश के कई जगहों पर मुकदमे दर्ज हैं। अंसल एपीआई ग्रुप के कर्मचारी ग्राहक को जमीन दिखाते थे। इसके बाद उनसे सौदा करते। बुकिंग कराने के समय 20 से 40 प्रतिशत रकम जमा करवा लेते थे अैर फिर जमीन की रजिस्ट्री के लिए लंबा समय लेते थे।

आम लोगों के अलावा अधिकारी और कारोबारी भी जाल में फंसे

अंसल ग्रुप ने आम लोगों के अलावा न्यायिक, प्रशासनिक, पुलिस व सेना के अधिकारियों तथा कारोबारियों को भी नहीं छोड़ा। उनको अपनी जमीन के आसपास कई योजनाओं का डेमो दिखाया। फिर उनसे लाखों रुपये हड़प लिए। जब हकीकत सामने आई तो अधिकारियों ने मुकदमे भी दर्ज कराए। इसके बाद कुछ अधिकारियों के रुपये वापस किए गए। कुछ के मुकदमे चल रहे हैं। इनमें से कुछ अधिकारी लखनऊ में भी तैनात हैं।

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घोटाले में सुशील अंसल सहित तीन अन्य निदेशकों के गिरफ्तारी की कवायद लखनऊ पुलिस की ओर से पहले से ही शुरू कर दी गई थी। सभी पर लखनऊ अंसल टाउनशिप में घोटाले और पैसा हड़प कर धोखाधड़ी करने के आरोप लगे थे। विभूतिखंड, गोमतीनगर, हजरतगंज, पीजीआइ समेत राजधानी के अलग-अलग थानों में करीब 25 मुकदमे सिर्फ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में दर्ज हैं।

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