मौसम, रेट व लॉकडाउन के बाद अब कीट से तबाह होने लगे अन्नदाता

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की मार झेल किसानों को चोट पर चोट लगने का सिलसिला जारी है। कभी फसल न बिक्री होने, कभी कीमतें सही न मिलने, कभी मौसम से तबाह होने के बाद एक और चोट लगी है।

Update: 2020-05-03 16:32 GMT

कन्नौज: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की मार झेल किसानों को चोट पर चोट लगने का सिलसिला जारी है। कभी फसल न बिक्री होने, कभी कीमतें सही न मिलने, कभी मौसम से तबाह होने के बाद एक और चोट लगी है। इस बार आम बागवानी पर कटर पिलर कीटाणुओं से फसल को नुकसान होने लगा है। कटरपिलर के अलावा रोजी, भुनगा कीटाणु आम की फसल को चौपट कर रहा है। समय रहते छिड़काव नहीं किया तो पके आम के लिए तरसना पड़ेगा।

उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में इस साल आम की अच्छी फसल आई है। कुछ दिनों से कटरपिलर नाम के कीट ने कच्चे आमों में छेद कर गिराने लगा है। साथ ही आम के नए किल्ले कपोल निकलना शुरू हो गए हैं। ऐसे में हार्पर (भुनगा) कीट ने एक बार फिर अपना जोर शुरू कर दिया है । ऐसे में वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे में तत्काल छिड़काव कि जरूरत होती है, लापरवाही बरतने पर आम किसान बर्बाद हो जाएंगे । बताया गया है कि यह तीनों कीट एक सप्ताह के अंदर ही पूरे बाग को बर्बाद कर देते हैं।

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किसान शिवकुमार ने बताया कि कटरपिलर से उनकी फसल बर्बाद होने लगी है। दवा का स्प्रे शुरू कर दिया है। आशंका है कि कीट बड़ा-बड़ा साइज का हो गया है, जो शायद एक बार के स्प्रे में न मरेगा। केवीके अध्यक्ष और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वीके कनौजिया ने बताया कि रोग से बचाव के लिए ट्राइडोमारफ एक मिली प्रति लीटर या डायनोकेप एक मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव किया जा सकता है।

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बारिश व आंधी की संभावना, छाई रहेगी बदली

कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी के कृषि मौसम विशेषज्ञ अमरेंद्र यादव ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग ने पांच से सात मई तक आंधी के साथ हल्की बारिश और बादल छाए रहने की संभावना जताई है। अधिकतम तापमान 34़.9 से 38.2 और न्यूनतम 20.4-26़1 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।

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मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि आर्द्रता अधिकतम और न्यूनतम क्रमश: 45-56 और 15-24 रहेगी। पहले तीन दिनों के लिए हवा की दिशा दक्षिण-पूर्व उसके बाद केवल एक दिन पूर्वोत्तर और दक्षिण-पूर्व हवाएं 13-19 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकती हैं। उन्होंने मौसम की जानकारी के लिए किसानों से स्मार्टफोन में प्ले स्टोर के माध्यम से मेघदूत एप को डाउनलोड करने को कहा है।

रिपोर्ट: अजय मिश्रा

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