अब 62 साल की उम्र में भी बन सकेंगे सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रिंसिपल

सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए एक अच्छी खबर है। अब 62 साल की उम्र तक के डॉक्टर सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल बन सकेंगे। उत्तर प्रदेश में अभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं जबकि 13 अन्य खुलने वाले हैं। प्रदेश में चिकित्सा शिक्षकों की भारी कमी है। मेडिकल कॉलेजों में भर्ती के लिए आयु सीमा सहित कई तरह के प्रावधानों में बदलाव किया है।

Update: 2018-12-01 11:29 GMT
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लखनऊ : सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए एक अच्छी खबर है। अब 62 साल की उम्र तक के डॉक्टर सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल बन सकेंगे। उत्तर प्रदेश में अभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं जबकि 13 अन्य खुलने वाले हैं। प्रदेश में चिकित्सा शिक्षकों की भारी कमी है। मेडिकल कॉलेजों में भर्ती के लिए आयु सीमा सहित कई तरह के प्रावधानों में बदलाव किया है।

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यह है आयु सीमा

सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रिंसिपल अब 62 वर्ष की उम्र तक के डॉक्टरों को बनाया जा सकेगा। वहीं 55 साल तक की उम्र तक वाले डॉक्टरों को प्रोफेसर के पदों पर सीधी भर्ती के लिए योग्य माना जाएगा। पुराने मेडिकल कॉलेजों की बात की जाए तो 30 से 40 फीसदी तक शिक्षकों की कमी है। सरकार ने नए नियमों के तहत अब प्रिंसिपल पदों के लिए आयु सीमा 55 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी है। वहीं प्रोफेसर पदों पर 45 वर्ष की आयु सीमा बढ़कर अब 55 साल की है।

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सैलरी भी बढ़ी

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे की ओर से जारी आदेश में चिकित्सा शिक्षकों के वेतनों में भी बढ़ोत्तरी की गई है। यह पहले की तुलना में 20 से 30 फीसदी अधिक होगा। प्राचार्य और प्रोफेसर पद पर वेतन एक समान किया गया है। इन्हें अब 1.44 लाख रुपये प्रतिमाह मिलेगा। वहीं एसोसिएट, प्रो.को 1.31 लाख, सहायक आचार्य को 68900 रुपये और प्राध्यापक को 57700 रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा।

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असिस्टेंट प्रोफेसर की उम्र सीमा भी बढ़ी

इसी तरह असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती की न्यूनतम आयु 21 वर्ष से बढ़ाकर 26 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 35 से बढ़ाकर 40 वर्ष कर दी गई है। आरक्षण कैटगरी में यह सीमा अलग होगी। पहले प्राध्यापक के तौर पर तीन वर्ष काम करने के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर प्रमोशन या नियुक्ति मिलती थी। इसे घटाकर अब एक साल कर दिया गया है।

एक साल में मिलेगा असिस्टेंट प्रोफेसर का पे ग्रेड

एक साल बाद ही असिस्टेंट प्रोफेसर का पे ग्रेड और पदनाम दे दिया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि अधिक उम्र के चिकित्सा शिक्षकों को मेडिकल कॉलेजों से जोड़ा जाए। नए मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाने के लिए असिस्टेंट प्रोफेसरों को आकर्षक पैकेज पर बुलाया जा रहा है।

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