Taj Mahal Controversy: ताजमहल के 22 कमरे खोलने की मांग को लेकर आज HC की लखनऊ बेंच में करेगी सुनवाई
Taj Mahal Controversy: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच आज ताजमहल (Taj Mahal) के 22 कमरों के खोलने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगी।
Taj Mahal Controversy: देश में इस वक्त मंदिरों, मस्जिदों एवं पुरानी इमारतों को लेकर विवादों का दौर चल रहा है। जहां यह कोई वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) और ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) का सर्वे चल रहा है वहीं दूसरी तरफ आगरा स्थित ताजमहल (Taj Mahal) को लेकर भी देश में सियासत गरमाई हुई है। कई हिंदू संगठनों का दावा है कि आगरा का ताजमहल कोई मकबरा नहीं मंदिर है। इसी मामले को (Taj Mahal Controversy) लेकर आज गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच सुनवाई करेगी। बता दें इस मामले की सुनवाई 10 मई को हुई होनी थी मगर किन्ही कारणों से सुनवाई को उस दिन टाल दिया गया था।
क्या है ताजमहल विवाद?
ताजमहल को लेकर विवाद आज से ही नहीं बहुत पहले से चला आ रहा है। हिंदू संगठनों द्वारा दावा किया जाता है कि यह कोई मकबरा नहीं बल्कि, एक पुराना शिव मंदिर है जिसे प्राचीन काल में तेजो महालय के नाम से जाना जाता था। हिंदू संगठनों द्वारा यह लगातार मांग की जा रही है कि ताजमहल स्थित बंद पड़े दरवाजों को खोला जाए, इसके अंदर भगवान शिव का मंदिर मिलेगा। इसी मामले को लेकर इलाहाबाद के हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।
ताजमहल विवाद से जुड़े मामले में दायर याचिका अयोध्या के भारतीय जनता पार्टी नेता रजनीश सिंह ने दायर की है। रजनीश ने कोर्ट में दायर अपनी याचिका में मांग की है कि ईएसआई ताजमहल परिसर के भीतर बंद पड़े कुल 22 कमरों के दरवाजे को खोले तथा इन कमरों में छिपे मूर्तियों शिलालेखों समेत कई अन्य पुराने साक्ष्यों के बारे में गहनता से जांच की जाए और राज्य सरकार या केंद्र सरकार इसकी जांच के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन करे।
ताजमहल से जुड़ा नया दावा आया सामने
कई हिंदू संगठनों तथा कई नेताओं द्वारा यह दावा किया जाता है कि ताजमहल के वक्त पड़े कमरों में शिव मंदिर होने का सुबूत छिपा हुआ है तथा इस मामले को लेकर जल्द ही गहनता से जांच करवाने की मांग भी हिंदू संगठनों द्वारा की जा रही है। इस विवाद में अब एक और नया मोड़ सामने आता दिख रहा है। हाल ही में सांसद दिया कुमारी की ओर से दावा किया गया है कि ताजमहल जिस जमीन पर बना हुआ है वह जयपुर के एक राजघराने की जमीन है। उन्होंने कहा शाहजहां ने राजघराने से उनकी जमीन छीन उस पर ताजमहल का निर्माण करवाया है।