भर्ती घोटाला! बांदा कृषि विश्वविद्यालय में एक ही जाति के 11 प्रोफेसर की नियुक्तियां, कृषि मंत्री ने दिए जांच के आदेश

बांदा कृषि विश्वविद्यालय में कुछ प्रोफेसर की नियुक्तियां हुई हैं, उसमें एक ही जाति के 11 अभ्यर्थियों को नियुक्त किया गया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Ashiki
Update: 2021-06-10 06:11 GMT

बांदा कृषि विश्वविद्यालय (Photo-Social Media)

लखनऊ: यूपी में जब अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) मुख्यमंत्री थे, तब भाजपा के नेता आरोप लगाते थे कि सपा सरकार आंख मूंदकर यादव लोगों की भर्तियां कर रही है, लेकिन अब यही योगी सरकार (Yogi Government) में भी हो रहा है। दरअसल, आरोप है कि बांदा कृषि विश्वविद्यालय में प्रोफेसर की जो नियुक्तियां हुई हैं, उसमें एक ही जाति के 11 अभ्यर्थियों को नियुक्त किया गया है। मामला सामने आने के बाद खबर आ रही है कि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने जांच के आदेश दिए हैं।

आपको बता दें कि बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने 20 भर्तिया निकालीं थीं। इसका पहले विज्ञापन निकाला और फिर 1 जून को रिजल्ट घोषित किया। जिनमें 18 सामान्य वर्ग और दो EWS कोटे की थीं। इनमें 15 नियुक्तियां हुई हैं, जिनमें से 11 एक ही जाति के हैं। नियुक्त हुए प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। सामान्य वर्ग के 15 प्रोफेसर में से 11 ठाकुर हैं। जबकि एक ओबीसी, एक एससी एक भूमिहार और एक मराठी शामिल है।

बांदा भाजपा विधायक ने लिखा पत्र

इस मामले में भाजपा विधायक बृजेश प्रजापति (BJP MLA Brijesh Prajapati) ने शिकायत की थी। बृजेश कुमार प्रजापति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने रोस्टर आरक्षण का नियमानुसार अनुपालन न किए जाने की शिकायत की है। उधर, कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक प्रशासन डॉ. वीके सिंह का कहना है कि विश्वविद्यालय संबंधी जांच के आदेश नहीं मिले हैं।

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