Lucknow Pollution: लखनऊ में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा, लालबाग इलाके की हालत सबसे खराब

Lucknow Pollution: देश के बड़े शहर वायु प्रदूषण की मोटी चादरों में ढंके जा रहे हैं। दिल्ली और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ चुका है।

Update:2022-10-22 12:23 IST

लखनऊ में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा, लालबाग इलाके की हालत सबसे खराब: Photo- Social Media

Lucknow: दशहरे के साथ देश में फेस्टिव सीजन (festive season) का आगाज हो चुका है, जो दिसंबर तक जारी रहेगा। त्योहारों को लेकर हर ओर जहां हर्ष का माहौल है, वहीं देश के बड़े शहर वायु प्रदूषण (Air pollution) की मोटी चादरों में ढंके जा रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Air pollution in Delhi) की हालत सबसे अधिक खराब है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ चुका है।

आमतौर पर देखा जाता रहा है कि दिवाली के अगले दिन देश के अधिकांश शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है लेकिन इस साल दिवाली से पहले ही हवा जहरीली हो चुकी है। नवाबों की नगरी लखनऊ की एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 175 पर पहुंच चुका है। कल यानी शुक्रवार को एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 161 पर था।

लखनऊ के अत्यधिक प्रदूषित इलाके

सबसे अधिक प्रदूषित वायु लखनऊ के लालबाग इलाके की है। जहां एक्यूआई 182 दर्ज की गई है। इसके बाद बी.आर अंबेडकर विश्वविद्यालय 179, गोमती नगर 176, तालकटोरा डिस्ट्रिक्ट 176 और कुकरैल पिकनिक स्पॉट 168 का स्थान आता है।

अक्टूबर से फरवरी तक का समय संवेदनशील

राजधानी लखनऊ के लिए अक्टूबर से फरवरी तक का समय वायु प्रदूषण के लिहाज से काफी खतरनाक हो जाती है। यह हर साल हो रहा है। पिछले सालों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए शासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सख्त फैसलों के बाद भी इनमें कोई खास सुधार नहीं आया है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (pollution control board) ने वायु प्रदूषण का कारण जानने के लिए पिछले साल आईआईटी कानपुर और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाली संस्था 'टेरी' के विशेषज्ञों से जांच भी कराई थी। दोनों संस्थाओं ने इस पर शोध के बाद अपने रिपोर्ट में राजधानी में प्रदूषण की 80 से 87 प्रतिशत वजह खस्ताहाल सड़कों और निर्माण इकाइयों से उड़ने वाली धूल को बताया था।

राजधानी में पिछले साल के मुकाबले अब तक वायु गुणवत्ता बेहतर है। एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 200 के अंदर बना हुआ है। लेकिन पिछले चार दिनों से ये लगातार बढ़ रही है, जो चिंता का सबब है। 

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