69 हजार शिक्षक भर्ती पर अखिलेश ने बीजेपी पर साधा निशाना, कही ये बड़ी बात
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर विपक्ष के प्रति विद्वेषपूर्ण आचरण अपनाने का आरोप लगाया है।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर विपक्ष के प्रति विद्वेषपूर्ण आचरण अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि छोटे-छोटे मामलों में ईडी, सीबीआई राजनीतिक नेताओं को फंसाने की साजिश करने और बिना साक्ष्य के भी उन्हें परेशान करने वाली 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के महाघोटाले के मामले में पक्षपात क्यों कर रही है।
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सार्वजानिक माफ़ी मांगें मुख्यमंत्री
सपा अध्यक्ष ने रविवार को कहा कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण लगी रोक से नौजवानों की जिंदगी के साथ हुए खिलवाड़ के लिए मुख्यमंत्री से सार्वजनिक क्षमा याचना करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि भाजपा सरकार सपने चाहे जितने दिखाए प्रदेश में किसी को रोजगार देने की स्थिति में नहीं है। इसलिए भाजपा सरकार भर्तियां निकालती है फिर पेपर लीक या दूसरी शिकायतों के बहाने अदालतों के निर्णयों का सहारा लेकर चुप बैठ जाती है। बहकाने के लिए भर्तियों का ऐलान और फिर उनका स्थगित हो जाना, भाजपा इसी साजिश से अपने दिन पूरे करना चाहती है।
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अखिलेश यादव ने कही ये बात
अखिलेश ने कहा कि प्रदेश के 69000 युवा अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापकों के पद पर भर्ती की आस लगाए थे। एक लाख पैंतालिस हजार उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की कांउसिलिंग भी शुरू हो गई थी। उच्च न्यायालय को इन भर्तियों में कुछ अनियमितताओं और आरक्षण की अवहेलना की शिकायतें मिली। कुछ प्रश्नों और उनके उत्तरों पर भी विवाद रहा। यह स्पष्ट रूप से राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा घोर लापरवाही और पारदर्शिता न बरतने का मामला है।
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सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में सन् 2017 के बाद से चार-चार भर्तियां अदालतों में लटकी पड़ी हैं। अधीनस्थ चयन बोर्ड नियमानुकूल न तो परीक्षाएं करा पाते हैं और न ही आरक्षण जैसी व्यवस्थाओं का पालन कराने में रूचि लेते हैं। अधिकारी अपनी मनमर्जी से आरक्षण और परीक्षाओं में फेरबदल करते रहते हैं। इस मामलें में पुलिस की जांच पड़ताल में भर्ती घोटाले में शामिल एक पूरे गैंग का पता चला है।
लाखों रुपए देकर पास हुए दो अभ्यर्थी भी पकड़े गए है, जिन्हे सामान्य प्रश्नों के उत्तर भी नहीं मालूम हैं, जबकि उन्हें अधिकतम अंक मिले थे। ऐसे ही मामले पुलिस भर्ती, शिक्षामित्र भर्ती तथा अन्य भर्तियों में भी सामने आ चुके हैं। उन्होंने सवाल किया कि पेपर आउट करने से लेकर उसे हल कराकर दस-दस लाख रुपये में बिक्री करने का काम करने वाले घोटालेबाज बिना सरकारी संरक्षण के कैसे इतने बड़े काण्ड कर सकते है?
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