बिगड़ती कानून व्यवस्था पर अखिलेश बोले : तानाशाही रवैये पर उतर आई है BJP सरकार
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि अपनी नाकामियों को छुपाने और विपक्ष की आवाज को दबाने में भाजपा सरकार तानाशाही रवैये पर उतर आई है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि अपनी नाकामियों को छुपाने और विपक्ष की आवाज को दबाने में भाजपा सरकार तानाशाही रवैये पर उतर आई है।
सपा मुखिया ने कहा कि प्रदेश के शामली जिले में बेपटरी मालगाड़ी की कवरेज में गए पत्रकार अमित शर्मा के साथ जो अमानवीय बदसलूकी की गई है, उसकी जितनी निंदा की जाए कम है। पत्रकार को हिरासत में पीटने के साथ उसका कैमरा भी तोड़ दिया गया। हद तो तब हो गई जब उसके मुंह पर पेशाब तक कर दिया गया।
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अखिलेश ने कहा कि जीआरपी सिपाहियों की यह करतूत बताती है कि सरकार का अपने ही अधीनस्थ बलों पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। सत्ता के मद में चूर कर्मियों ने संवेदनहीनता की पराकाष्ठा प्रदर्शित की है।
उनका निलम्बन कोई सजा नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में भाजपा सरकार का आचरण नितांत अलोकतांत्रिक है। स्वतंत्र पत्रकारिता से चिढ़ उसके स्वभाव में है। पहले भी उसका ऐसा व्यवहार रहा है। उसके कदम फिर से मनमानी की ओर बढ़ते दिख रहे है।
अखिलेश ने कार्यकर्ता में भरा जोश
अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं से 12 सीटों के विधानसभा उपचुनावों के साथ वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए अभी से जुट जाने का आह्वान किया है।
सपा मुख्यालय में बुधवार को सपा मुखिया ने कहा कि यूपी में वर्ष 2022 की सरकार में जनता की भागीदारी तय करने के लिए कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों में जनता से संवाद स्थापित करें। भाजपा सरकार में किसान और नौजवान सबसे ज्यादा परेशान रहे हैं।
नौजवानों का भविष्य अंधकार में है जबकि किसानों को झूठे वादो से गुमराह किया है। गांव-गांव में उत्पीड़न की कार्यवाही की जा रही है। किसानों के बिजली के बिल बढ़ाए जा रहे हैं। एक्सप्रेस-वे पर टैक्स और शराब पर सेस लगा है लेकिन गायों की रक्षा नहीं हो रही है। गौशालाओं में गायें मर रही है।
अखिलेश ने कहा घर-घर तक सच पहुंचना चाहिए। भाजपा सरकारें केन्द्र की हों या राज्य की, हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। जनता का हर वर्ग परेशानी में है। वर्ष 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर फिर से विकास कार्यों में तेजी लाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर बना रही है और उनपर आरएसएस की विचारधारा थोप रही है। नोटबंदी जीएसटी ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। छोटे कारोबारी पूरी तरह तबाह हो गये।
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