Samajwadi Party: योगी सरकार पर भड़के अखिलेश, कहा भाजपा राज में किसान परेशान, भ्रष्टाचार चरम पर

Samajwadi Party: अखिलेश ने कहा कि नए सत्र में गन्ने की पेराई शुरू हो गई है। लेकिन अभी तक भाजपा सरकार ने गन्ने का मूल्य तय नहीं किया है। गन्ना किसानों को अभी पिछले सत्र का भी बकाया भुगतान नहीं हुआ है।

Written By :  Anant kumar shukla
Update: 2022-12-14 12:31 GMT

Akhilesh Attack on Yogi government (Social Media)

Samajwadi Party: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, कि भाजपा सरकार में अन्याय, महंगाई और भ्रष्टाचार ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। किसान सबसे ज्यादा मुश्किल में है। कर्ज के दबाव में किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हैं। भाजपा सरकार की नीतियां किसान विरोधी और कुछ पूंजीपतियों और बड़े उद्योग घरानों के समर्थन में है। गरीबों और गांवों का भाजपा राज में हर तरह से उपेक्षा की जा रही है।

नहीं हो रहा गन्ना मूल्य का भुगतान

अखिलेश ने कहा कि नए सत्र में गन्ने की पेराई शुरू हो गई है। लेकिन अभी तक भाजपा सरकार ने गन्ने का मूल्य तय नहीं किया है। गन्ना किसानों को अभी पिछले सत्र का भी बकाया भुगतान नहीं हुआ है। नियामानुसार किसानों को गन्ना मूल्य के बकाया पर ब्याज भी मिलना चाहिए पर भाजपा सरकार मूलधन ही नहीं दे पा रही है। जबकि भाजपा सरकार ने 14 दिन के बाद किसानों के गन्ना मूल्य पर ब्याज देने का वादा किया था। मिल मालिकों के दबाव में भाजपा सरकार किसानों से धोखा दे रही है।

किसानों को नहीं मिल रहा एमएसपी का लाभ

किसानों से धान की खरीद में भी सरकारी अफसरशाही खेल कर रही है। किसान लुट रहा है और बिचौलिए कमाई कर रहे हैं। किसान को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी नहीं मिल रहा है। केन्द्र की भाजपा सरकार ने एमएसपी पर अपनी नीति अब तक स्पष्ट नहीं की है। जबकि भाजपा सरकार ने किसानों के पिछले बड़े आंदोलन के दौरान एमएसपी देने का आश्वासन दिया था।

नहीं मिल रहा खाद

भाजपा सरकार ने गेंहू और रबी की फसल की बुवाई के लिए डीएपी-यूरिया खाद के अलावा और अन्य कीट नाशक रसायनों की व्यवस्था करने में घोर लापरवाही बरत रही है। किसान आज मारा-मारा फिर रहा है। प्रदेश में खाद का संकट कम नहीं हो रहा है। किसानों को समय से खाद उपलब्ध न होने की वजह से बुवाई में देरी हो रही है। समाजवादी पार्टी की सरकार में खाद का समुचित इंतजाम था। बुवाई के मौसम से पहले ही खाद, कीटनाशक आदि की बेहतर व्यवस्था थी। भाजपा सरकार किसान विरोधी सरकार है। भाजपा सरकार ने किसान की आय दोगुनी करने का वादा करने के बाद भी अपना वादा नहीं निभाया।

बिचौलियों का राज

उन्होने कहा कि किसानों को भाजपा सरकार बनने के दिन से ही धोखे पर धोखा मिल रहा है। उसकी कर्जमाफी नहीं हुई। एमएसपी नहीं मिली। सरकारी खरीद केन्द्रों में किसान का नहीं बिचौलियों और बड़ी कम्पनियों के कारिंदो का माल बिक रहा है। किसान की फसल तो औने-पौने दाम पर खरीद ली जा रही है। पशुओं पर नियंत्रण न होने से खड़ी सफल भी चौपट हो रही है। इसी सप्ताह कोंच जालौन में 40 वर्षीय देवेन्द्र अहिरवार बैंक और सूद खोरों के कर्ज से दुःखी किसान और बांदा में 22 वर्षीय पुष्पेन्द्र यादव ने फांसी लगाकर जान दे दी। इन मौतों के लिए भाजपा सरकार नहीं तो कौन जिम्मेदार होगा?

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