Mission 2024: अखिलेश ने रणनीति बदली, भाजपा को टक्कर देने के लिए गांव के वोटों पर निगाह

Mission 2024: अखिलेश भी इन दिनों गांव और देहात क्षेत्रों में अपना खूब समय दे रहे हैं। पिछले महीने भी समाजवादी पार्टी मुखिया ने कई जिलों के अपने दौरे में ग्रामीण क्षेत्रों पर ही फोकस किया।

Update:2023-06-03 16:43 IST
Akhilesh Yadav (PHOTO: social media )

Mission 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर भले ही अभी एक साल का वक्त बाकी हो पर देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में चुनावी आहट सुनाई देने लगी है। जहां एक तरफ केंद्र और प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने शहरी निकाय चुनाव में अपनी ताकत दिखाकर विपक्षी दलों को लोकसभा चुनाव के पहले बड़ी चुनौती दे दी है। वहीं मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए अब ग्रामीण क्षेत्रों में फोकस करना शुरू कर दिया है।

समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव इन दिनों अपने पिता स्व मुलायम सिंह यादव की तर्ज पर ही राजनीति कर रहे हैं। जिस तरह की राजनीति मुलायम सिंह करते थे और वह गांव देहात में भरपूर समय दिया करते थे। उसी तरह अब अखिलेश भी इन दिनों गांव और देहात क्षेत्रों में अपना खूब समय दे रहे हैं। मुलायम सिंह यादव अपने राजनीतिक जीवन में कभी किसी पुराने मित्र को देखकर अपना काफिला तक रुकवा देते थे तो कभी किसी दुकान में रुक जाया करते थे। उसी शैली में अखिलेश भी पान और चाय की दुकान में ठिठक जाते हैं। पिछले महीने भी समाजवादी पार्टी मुखिया ने कई जिलों के अपने दौरे में ग्रामीण क्षेत्रों पर ही फोकस किया। जहां उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों पर विचार किया।

आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र भी पहुंचे

अखिलेश यादव शुक्रवार को मिर्जापुर में थें जहां उन्होंने बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में कोल बिंद गोंड सियार निषाद तथा खरवार आदि जाति के लोगो के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति पर चर्चा की। पिछले महीने 27 मई को अखिलेश यादव बलिया के गांव शेखुपुर पहुंचे। वहां भी उन्होंने गांव वालो से राजनीतिक चर्चा कर चुनावी माहौल बनाने की पूरी कोशिश की।

बीते दिनों इन गांवों का किया रुख

सोमवार को कन्नौज के पास एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसे में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत के बाद हादसे में जान गंवाने वाले राहुल सविता के गांव गए थे। वहां से वापस लखनऊ जाते समय उमर्दा में सर्वेश यादव के प्रतिष्ठान पर रुककर आने वाले लोकसभा के चुनाव को लेकर एकजुट होने की बात कही। पिछले महीने भी जब पूर्वांचल क्षेत्र के बड़े नेता पंडित हरिशंकर तिवारी का निधन हुआ तो अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए वह उनके गांव पहुंचे थे। समाजवादी सपा अध्यक्ष वहां से सड़क मार्ग से मालवीय नगर स्थित पूर्व विधायक शारदा देवी के घर पहुंचे और उनके पति को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह वहां से लौटकर पुन: एयरपोर्ट पहुंचे और फिर निजी हेलीकाप्टर से पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के गांव टाड़ा गए। जहां उनके पिता हरिशंकर तिवारी को श्रद्धांजलि दी और शोक संतप्त परिवार को ढांढ़स बंधाया।

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