कैमरे से नहीं दिमाग से खींची जाती हैं फोटो: अखिलेश यादव

Update: 2018-08-22 10:37 GMT

लखनऊ: फोटो कैमरे से नहीं बल्कि दिमाग से खींची जाती हैं, क्योंकि ये जरूरी नहीं कि जिसके पास महंगा कैमरा हो वो अच्छी तस्वीर भी खींच सकता हो। एक अच्छी तस्वीर क्लिक करने के लिए विजन की जरूरत होती है क्योंकि हर तस्वीर एक कहानी कहती है।पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने द यूथ फोटोजर्नलिस्ट एसोसिएशन की चौथी सामूहिक फ़ोटो प्रदर्शनी के समापन के मौके पर ये बात कही।

कैमरे से नहीं दिमाग से खींची जाती हैं फोटो: अखिलेश यादव

उन्होंने फ़ोटोजर्नलिस्ट के लिए कहा कि कई बार उन्हें एक तस्वीर के लिए कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है और वहीं कभी एक तस्वीर ही उन्हें बुलंदियों पर पहुँचा देती है। उन्होंने कहा कि मुझे भी एक समय फोटोग्राफी का काफी शौक था, आज भी है लेकिन अब मैं उतना समय नहीं दे पाता हूँ। राजनीति में तो फोटोग्राफी का महत्व बहुत ज्यादा है, पहले के समय फोटोग्राफी काफी मुश्किल थी, लेकिन समय के साथ टेक्नोलॉजी इतनी तेजी से आगे बढ़ी है कि अब कैमरे काफी एडवांस हो गए है, जिससे अब फ़ोटो क्लिक करने में काफी आसानी होती है। एक अच्छी तस्वीर की कीमत शब्दों में बयान नहीं कि जा सकती है। आखिर में अखिलेश यादव ने कहा कि इस तरह के आयोजन होते रहने चाहिए, ताकि प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलता रहे।

कैमरे से नहीं दिमाग से खींची जाती हैं फोटो: अखिलेश यादव

संस्था के अध्यक्ष साहिल सिद्दीकी ने अखिलेश यादव को सम्मानित किया और साथ ही सभी फोटोजर्नलिस्ट की और से उनका स्वागत किया।

टोपी में मैं अच्छा दिखता हूँ

अखिलेश यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि मैं यहां टोपी पहन कर इसलिए आया हूँ, क्योंकि मुझे पता था कि यहां मेरी काफी तस्वीर खिंचने वाली हैं। और मेरी फ़ोटो हमेशा टोपी में अच्छी आती है।

कैमरे से नहीं दिमाग से खींची जाती हैं फोटो: अखिलेश यादव

वरिष्ठ छायाकारों का हुआ सम्मान

इस मौके पर फ़ोटोजर्नलिज्म में अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए चार वरिष्ठ छायाकारों का सम्मान अखिलेश यादव ने किया।

1 सुशील सहाय

2 पवन कुमार

3 संदीप रस्तोगी

4 विशाल श्रीवास्तव

कैमरे से नहीं दिमाग से खींची जाती हैं फोटो: अखिलेश यादव

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