UP: राजा भैया को लेकर नरम हुए अखिलेश, बोले- ‘अगर आना चाहें तो स्वागत है’

UP Politics: सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उनके साथ गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। अखिलेश यादव ने कहा कि अगर राजा भैया साथ आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2024-02-23 14:46 IST

Akhilesh Yadav , Raja Bhaiya    (photo: social media )

UP Politics: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासी समीकरणों के बनने और बिगड़ने का दौर जारी है। 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवारों के मैदान में उतरने के बाद चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों को जीताने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। विधायक पल्लवी पटेल को साधने के बाद अब सपा की नजर कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह पर है।

जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रमुख रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पास दो विधायक हैं, जिनका वोट आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए काफी महत्वपूर्ण है। एक तरफ जहां सपा पर उन पर डोरे डाल रही है तो बीजेपी ने भी फौरन अपने दूत उनके पास रवाना कर दिए। विधानसभा चुनाव के दौरान एक-दूसरे के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया देने वाले अखिलेश यादव और राजा भैया के सुर नरम हुए हैं।

राजा भैया पर नरम हुए अखिलेश

सपा सुप्रीमो ने उनके साथ गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। अखिलेश यादव ने कहा कि अगर राजा भैया साथ आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। वैसे भी बीजेपी ने अपने सभी गठबंधन सहयोगिय़ों को दो-दो सीट देने का वादा किया है। कैसे देंगे सभी को दो-दो सीट ? जो मंत्री नहीं बनेंगे वे नाराज होंगे और हम उनका समर्थन ले लेंगे।

दरअसल पिछले दिनों सपा और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्षों से मुलाकात के सवाल पर राजा भैया ने कहा था कि मैंने अपने राजनीतिक जीवन के 28 में से 20 साल सपा को दिए हैं। मेरे लिए समाजवादी पार्टी पहले है। मेरे लिए यह कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है। दिवंगत सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के साथ उनकी नजदीकी जगजाहिर है। वो अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री भी रहे थे।

राज्यसभा की 10 सीटों के लिए होगा चुनाव

यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव होना है। वर्तमान संख्या बल के हिसाब से बीजेपी सात और सपा अपने दो प्रत्याशियों को आराम से राज्यसभा भेज सकती है। दसवें सीट पर पेंच फंसा है। सपा के कुछ विधायक जेल में हैं, इसलिए पार्टी कुछ वोटों से पिछड़ रही है। बीजेपी ने इसका फायदा उठाते हुए मैदान में पुराने सपाई संजय सेठ को उतार दिया है। ऐसे में हर एक विधायक का वोट काफी महत्वपूर्ण हो गया है। हाल तक बीजेपी के साथ नजर आने वाले राजा भैया क्या फैसला लेते हैं, इसपर सबकी नजरें टिकी हुई है।

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