यूपी पुलिस पर अखिलेश यादव ने बोला तगड़ा हमला, दिया ये बयान

सपा अध्यक्ष ने मंगलवार को कहाँ कि प्रदेश में खूनी खेल चरम पर है और पुलिस तथा प्रशासन मौन धारण किए हुए है। कमिश्नरी व्यवस्था शुरू होने का भी कोई फायदा नहीं है।

Update: 2020-06-02 13:14 GMT
akhilesh yadav

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि कोरोना संकटकाल में भी यूपी पुलिस कानून व्यवस्था संभलने के बजाए सत्ताधारियों के इशारे पर विपक्षियों को झूठे केसों में फंसाने में व्यस्त है, इससे अपराधियों के हौंसले बुलंद है। उन्होंने कहाँ कि लाॅकडाउन हो या अनलाॅक भाजपा राज में अपराधियों को खुली छूट मिली है। भाजपा सरकार में यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही हो या फिर गरीबों, मजबूर श्रमिकों तथा सामान्य जन की सुरक्षा की बात हो हर ओर अव्यवस्था और अराजकता है।

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प्रशासन धारण किये हुए है मौन

सपा अध्यक्ष ने मंगलवार को कहाँ कि प्रदेश में खूनी खेल चरम पर है और पुलिस तथा प्रशासन मौन धारण किए हुए है। कमिश्नरी व्यवस्था शुरू होने का भी कोई फायदा नहीं है। सपा सरकार ने अपराध नियंत्रण की जो आधुनिकतम व्यवस्थाएं की थी उसे भाजपा सरकार ने ध्वस्त कर दिया। पुलिस का आधुनिकीकरण रोक दिया। प्रशासनिक शिथिलता और लापरवाही के कारण उत्तर प्रदेश इस स्थिति को प्राप्त हो गया है, जहां चारों तरफ घोर अंधेरा है। लोकतंत्र में सरकारें संविधान के अनुसार काम करती है लेकिन टीम-11 ने सरकार का कार्यभार सम्हाल लिया जिससे यह दुर्दशा है।

अखिलेश ने कहाँ कि लाॅकडाउन हटने के पहले ही दिन अलीगढ़ में एलआईसी के दफ्तर के सामने दिन दहाड़े कैशवैन से 22.70 लाख रुपये की लूट हो गईं, गोलियां चली तो कई घायल हो गए। गाजियाबाद में आईएएस अधिकारी रानी नागर पर जानलेवा हमला हुआ, जबकि उन्हें अपनी सुरक्षा कारणों से इस्तीफा तक देना पड़ा।

2 लोगों की हुई मौत

कानपुर में आपसी संघर्ष में 2 मौंतें हुई। फतेहपुर में पूर्व प्रधान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मैनपुरी के द्वारिकापुर गांव में पूर्व और वर्तमान प्रधानों के बीच विवाद में खूनी संघर्ष हो गया। भदोही के इब्राहिमपुर पुरवा गांव में अपराधियों ने पीआरवी पर हमला कर दिया। बाराबंकी में एक महिला से क्लीनिक में रेप की घटना घटी। राजधानी लखनऊ में कृष्णानगर इलाके में एक बुजुर्ग को दबंगों ने पीटकर लहूलुहान कर दिया। सुशांत गोल्फ सिटी में एक भाजयुमों नेता की सत्ता संरक्षितों के शिकार हो गए।

किसानो ने नष्ट की अपनी फसल

सपा मुखिया ने कहाँ कि भाजपा राज में सबसे ज्यादा बदहाली किसानों की हुई है। क्रय केन्द्रों का पता नहीं है। किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रालियां लिये खड़े हैं। न तो उनका गेहूं बिक रहा है और न ही चीनी मिले उनका गन्ना ले रही हैं। बकाया तो मिलना ही नहीं है। भाजपा सरकार में किसानों की बिचैलियों द्वारा पूरी लूटमार की गई।

सब्जी बोने वाले किसानों ने अपनी फसले नष्ट कर दी है। मटर-चना उत्पादक किसानों को उत्पादन लागत भी नहीं मिली। कर्ज में डूबे किसानों को राहत देने के बजाय भाजपा सरकार बैंकों और मिल मालिकों की मदद कर रही हैं, जबकि किसानों के ऊपर जो भी कर्जा है उसकी भरपाई सरकार को करनी चाहिए। सरकार से राहत न मिलने से किसान आत्महत्या करने को विवश है। अन्नदाता का जितना अपमान भाजपा सरकार में हुआ कभी भी ऐसा नहीं हुआ।

रिपोर्टर - मनीष श्रीवास्तव, लखनऊ

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