UP Politics: अखिलेश यादव ने सैफई में किया झंडारोहण, बोले-भेदभाव को बढ़ाकर वोट साधने का काम कर रही बीजेपी
UP Politics: सपा प्रमुख ने कहा कि दुनिया में नौजवानों की सबसे ज्यादा आबादी हमारे देश में हैं। अब किसान खुशहाल हो और हर नौजवान के हाथ में नौकरी तथा रोजगार कैसे पहुंचे इस पर ध्यान देना होगा।
UP Politics: समाजपार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा कि देश में मणिपुर जैसी डरावनी हिंसक घटनाएं दोबारा न हो, इसका संकल्प हर देशवासी को लेना पड़ेगा। किसी भी देश में ऐसी बर्बरतापूर्ण घटना नहीं हुई होगी। उन्होंने मणिपुर के लोग से अपील किया कि जिस प्रेम और सद्भावना के साथ मिलजुल कर रह रहे थे, वैसे ही रहे, जिससे इस तरह की घटना दोबारा न हो। ऐसे घटना देश के किसी भी कोने में किसी भी बेटी और महिला के साथ नहीं होना चाहिए। अखिलेश यादव नें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सैफई में झंडारोहण किया।
भेदभाव को बढ़ावा दे रही बीजेपी
अखिलश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आज देशवासियों को इस बात की चिंता है कि कुछ लोग जाति के भेदभाव को बढ़ावा देकर और उनमें झगड़ा करा कर वोटों को साधने का काम कर रहे हैं। लोकतंत्र की मजबूती, भाईचारा और सद्भावना के साथ संविधान के रास्ते पर चलकर ही देश दुनियां के शीर्ष देशों में अपनी जगह बना पाएगा। उन्होंने कही कि स्वतंत्रता के साथ कई चुनौतियां भी आई हैं। बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। अगर दुनिया के आंकड़ों को देखें तो बच्चों के स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमारा देश बहुत पीछे दिखाई देता है। किसानों की आर्थिक परेशानियां बढ़ी हैं।
देश में व्याप्त विविधता को लेकर चलना होगा
सपा प्रमुख ने कहा कि दुनिया में नौजवानों की सबसे ज्यादा आबादी हमारे देश में हैं। अब किसान खुशहाल हो और हर नौजवान के हाथ में नौकरी तथा रोजगार कैसे पहुंचे इस पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि पढ़ाई और शिक्षा का स्तर कैसे बेहतर हो। स्वास्थ्य सेवाएं गरीबों को कैसे मिल पाए? साथ ही साथ सुरक्षा की भावना कैसे पैदा हो? हमारे देश में अलग-अलग भाषा, अलग-अलग प्रदेश हैं। ऐसी विविधता शायद किसी भी देश में नहीं है। हमें इस विविधता को लेकर चलना होगा।
लगातार बढ़ रही मंहगाई चिंता का विषय
अखिलेश यादव ने कहा कि दुनिया के लोकतंत्र में जो स्वतंत्रता है उसमें हम कहां खड़े हैं? हम प्रेस की आजादी में कहां खड़े हैं? हम करप्शन में कहां खड़े हैं? हमारी जिम्मेदारी बनती है कि नौजवानों के हाथों में हम नौकरी और रोजगार दें। इस तरह की महंगाई देश के लिए चिंता का विषय है। अगर इसी तरीके से महंगाई बढ़ती रही और लोगों के हाथ में रोजगार नौकरी न हुई तो हमारा देश कहां जाएगा इसके बारे में सोचना होगा।