Aligarh News: नम आंखों के बीच बीएसएफ फौजी को दी गई अंतिम विदाई, अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

Aligarh News: बीकानेर में तैनात बीएसएफ फौजी का शव उनके मूल निवास अलीगढ़ में स्थित टप्पल के बैना इलाके में लाया गया। 37 साल के सूरत तालान 2008 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे।

Update:2023-08-31 21:37 IST
नम आंखों के बीच बीएसएफ फौजी को दी गई अंतिम विदाई: Photo-Newstrack

Aligarh News: बीकानेर में तैनात बीएसएफ फौजी का शव उनके मूल निवास अलीगढ़ में स्थित टप्पल के बैना इलाके में लाया गया। 37 साल के सूरत तालान 2008 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। पिछले 4 साल से राजस्थान के बीकानेर में तैनात थे। उनकी मौत से पूरे इलाके में शोक की लहर रही। फोर्स के तमाम अधिकारियों ने उन्हें अश्रुपूर्ण अंतिम विदाई दी।

परिजनों ने लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप

परिजनों ने बताया कि फौजी पिछले कुछ दिन से डेंगू से पीड़ित थे और सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा था। परिजनों ने आरोप लगाया कि मृतक फौजी का सही से इलाज नहीं किया गया। जिसकी वजह से दम तोड़ दिया। वहीं फौजी के शव को बैना गांव लाया गया। जहां फौजी को अंतिम विदाई देने के लिए आसपास इलाके के लोग उमड़ पड़े।

अंतिम विदाई देने कोई नेता नहीं पहुंचा

एक तरफ जहां पूरे इलाके में शोक की लहर थी, वहीं अंतिम संस्कार के समय इलाके के विधायक और कोई माननीय नेता नहीं पहुंचे। थाना टप्पल पुलिस के लोग ही पहुंचे थे। फौजी की मौत से गांव में रक्षा बंधन का त्यौहार फीका रहा। गांव में शोक की लहर रही। सूरत कुमार तालान पिछले 4 साल से बीएसएफ में बीकानेर जिले में तैनात थे। बताया जा रहा है कि तबीयत बिगड़ने पर उनको वहीं के खाजूवाला स्थित सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। टेस्ट रिपोर्ट के बाद उनको डेंगू की पुष्टि हुई। जिसके चलते फौजी सूरत कुमार तालान की मौत हो गई। मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया कि उन्हें सही समय पर ट्रीटमेंट नहीं दिया गया। मृतक का छोटा भाई भगत सिंह भी इंडियन एयर फोर्स में है।

भगत सिंह ने बताया कि बीकानेर के बड़े अस्पताल में रेफर किया जाता तो सूरत कुमार की जान बच जाती। भगत सिंह ने कहा कि सही से इलाज नहीं किया गया। भाई अब मृतक के छोटे भाई ने ट्रीटमेंट का ब्योरा मांगा है। भगत सिंह ने कहा कि भाई फौजी थे और अफसर होते तो शायद अलग ट्रीटमेंट मिलता। मृतक फौजी के शव को टप्पल स्थित बैना गांव लाया गया।

अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब

इसके बाद शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। इस दौरान फौजी के शव को तिरंगे में लपेटकर लाया गया। हजारों की संख्या में जुटी भीड़ ने शहीद फौजी को नम आंखों से अंतिम विदाई और श्रंद्धाजलि दी। बीएसएफ की तरफ से जवान को बंदूकों की सलामी दी गई। मृतक के भाई ने परिवार के लिए उचित मुआवजे की मांग रखी है। उन्होंने बताया कि परिवार नाजुक स्थिति से गुजर रहा है। मृतक फौजी की शादी 2012 में हुई थी।

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