Aligarh: 6 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में आजीवन कारावास

Aligarh News: 6 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में अदालत ने 37 दिनों में दिया फैसला। आजीवन कारावास के साथ जुर्माना।

Update:2024-03-02 19:48 IST

Aligarh News: जिला सत्र एवं न्यायालय में पॉक्सो अपर सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र मोहन सहाय की अदालत ने अलीगढ़ के इतिहास में पहली बार दरिंदगी की शिकार हुई 6 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में 23 जनवरी 2024 को पुलिस ने अदालत में चार्ज शीट दाखिल की। जिसके बाद कोर्ट में चार्ज शीट दाखिल होने के बाद कोर्ट में ट्रायल शुरू किया ओर कोर्ट ने मात्र 37 दिन में हवस के भूखे भेड़िए दरिंदे आरोपी को दोषी मानते हुए जेल में आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही उस पर एक लाख बीस हजार रुपये का जुर्माना लगाया। वहीं बलात्कार के बाद बच्ची की हत्या करने के मामले में साक्ष्य छुपाने के आरोप में दोषी के सगे भाई रिजवान को 4 साल की सजा सुनाई। जो अलीगढ़ के इतिहास में पहली बार पॉस्को कोर्ट द्वारा बलात्कार के बाद हत्या के आरोप में दोषी को सजा सुनाई।वहीं इस संबंध में 26 सितंबर 2023 को ऊपरकोट नगर कोतवाली में 6 वर्षिय नाबालिक बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज किया था।

26 सितंबर 2023 की है घटना

प्राप्त जानकारी के अनुसार अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एडीजीसी महेश सिंह ने बताया कि घटना 26 सितंबर 2023 की है। जहां ऊपरकोट नगर कोतवाली क्षेत्र के तुर्कमान गेट क्षेत्र में किराए के मकान में रहने वाले ताला मजदूर की घर के बाहर खेल रही 6 वर्षीय मासूम बेटी सुबह से ही गायब थी। घर के बाहर खेल रही बच्ची के अचानक गायब होने के बाद परिजनों ने उसको आसपास सहित सभी जगह तलाश किया। लेकिन काफी खोजबीन के बावजूद भी बच्ची का कोई सुराग नहीं लगा। इस पर परिजन थाने पहुंचे और पुलिस को पूरे मामले से अवगत कराया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए देर रात करीब 9:45 बजे पड़ोसी के घर की छत के ऊपर बने बाथरूम से बोरे के अंदर बंद बच्ची की लाश को बरामद किया। पड़ोसी के घर के बाथरूम से बच्ची की लाश बरामद करने के बाद मृतिका की मां तहरीर पर मुकदमा दर्ज करते हुए पड़ोसी के दोनों बेटे स्वालीन और रिजवान को मौके से मिले साक्ष्यों ओर संदेह के आधार पर हिरासत में लेते हुए गिरफ्तार किया गया। बच्ची की हत्या के आरोप में पूछताछ को हिरासत में लिए गए आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की गई। तो आरोपी स्वलिन ने बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने का जुर्म कबूल किया। बताया कि पड़ोसी बच्ची उसकी बहन की सहेली थी। जो उसके घर खेलने कूदने के लिए आती थी। यही वजह है कि घटना वाले दिन बच्ची अपने घर के बाहर अकेले खेल रही थी। तभी बच्ची घर के बाहर अकेले खेलते हुए देख स्वालीन उसके पास पहुंचा और बच्ची को अकेला पाकर उसके हाथ में बीस रुपये देकर अपने लिए गुटका और खुद के लिए चिप्स लेने के लिए दुकान पर भेज दिया। इस दौरान जब बच्ची दुकान से सामान लेकर उसके घर पहुंची, तो उससे पहले उसकी सहेली बहन अपने घर में नीचे सोने के लिए चली गई।तभी मौका पाकर स्वालीन बच्ची के साथ खेल खेल में गंदी गंदी हरकतें करने लगा। जिसके चलते बच्ची रोते हुए अपने घर जाने लगी।तभी उसकी नियत बिगड़ गई। और उसने जबरदस्ती बच्ची के साथ दुष्कर्म कर दिया।जिसके चलते बलात्कार के बाद खून से लथपथ ओर दर्द से तड़प रही बच्ची रोते बिलखते अपने घर जाने की जिद करने लगी।जिसके चलते वह डर गया और उसने 6 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या कर दी। इस दौरान उसका दूसरा भाई रिजवान भी मौके पर पहुंच गया। जिसके बाद दोनों भाईयों ने बच्ची के शव को एक बोरे के अंदर बंद करते हुए उसकी लाश को अपने घर के छत पर बने बाथरूम के अंदर रख दिया। बाथरूम के अंदर लाश रखने के बाद दोनों भाइयों ने प्लान बनाया था कि इस लाश को रात के समय में ठिकाने लगा दिया जाएगा।लेकिन बच्ची की लाश को ठिकाने लगाने से पहले ही पुलिस ने दोनों भाइयों को दबोच लिया।पुलिस ने बच्ची के शव को पड़ोसी के बाथरूम से बरामद करते हुए। पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेज दिया था। बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार के बाद गला दबाकर हत्या करना उजागर हुआ।जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार का जेल भेजते हुए कोर्ट में चार्ज शीट दाखिल की गई।


आजीवन कारावास की मिली सजा

अदालत में चार्ज शीट दाखिल होने के बाद विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सुरेंद्र मोहन सहाय की अदालत द्वारा 23 जनवरी 2024 को स्वालीन और उसके भाई रिजवान को आरोपित किया गया। इसके बाद अदालत में मामले को लेकर ट्रायल शुरू हुआ और मात्र 37 दिन के अंदर पोस्को न्यायाधीश सुरेंद्र मोहन सहाय की अदालत ने बच्ची के साथ बलात्कार कर हत्या करने के आरोप में आरोपी स्वालीन को आजीवन कारावास जेल में रहने का फैसला सुनाते हुए एक लाख बीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। इसके साथ ही उसके भाई रिजवान को चार साल की सजा सुनाई गई है। अधिवक्ता महेश सिंह ने बताया कि विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सुरेंद्र मोहन सहाय की अदालत द्वारा 37 दिन में सुनाया गया फैसला अलीगढ़ के इतिहास में पहली बार हुआ है। जो मुकदमा अदालत में चार्ज शीट दाखिल होने के बाद मात्र 37 दिन के अंदर ट्रायल शुरू होने के बाद इतनी जल्दी फैसला सुनाया गया जो कि अलीगढ़ की पॉस्को को अदालत में पहली बार हुआ है।

Tags:    

Similar News