UP Politics: अखिलेश यादव से मिला ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड का प्रतिनिधिमंडल, UCC पर विरोध के लिए मांगा समर्थन

UP Politics: प्रतिनिधिमंडल ने बीजेपी सरकार की कोशिशों का सख्त विरोध करते हुए उसे रद्द किए जाने की मांग का ज्ञापन सौंपा है।

Update:2023-07-16 20:28 IST
All India Muslim Personal Law Board Delegation met Akhilesh Yadav

UP Politics: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से आज ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के एक प्रतिनिधिमण्डल ने मुलाकात कर समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) का विरोध करने के लिए कहा। प्रतिनिधिकमंडल ने बजेपी सरकार की कोशिशों का सख्त विरोध करते हुए उसे रद्द किए जाने की मांग का ज्ञापन सौंपा है।

आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि हमारा देश एक बहुसांस्कृतिक देश है। इसमें अलग-अलग रंग, वंश, भाषाएं और सभ्यता से जुड़े और विभिन्न धर्मों और आस्थाओं से सम्बंध रखने वाले लोग एक साथ मिलजुलकर रहते हैं। भरत विविधता में एकता की एक बेहतरीन मिसाल हैं। संविधान द्वारा भी धार्मिक स्वतंत्रता, आजादी और सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षा दी है। देश के प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म के अनुसार आस्था रखने, प्रचार करने और उसका प्रचार करने का अधिकार दिया गया। इन्ही अधिकारों के तहत अल्पसंख्यकों और आदिवासियों के पर्सनल लॉज़ को विशेष सुरक्षा प्राप्त है। पारिवारिक मामलों में प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म के अनुसार चलने की अनुमति है।

ज्ञापन में क्या कहा गया था?

ज्ञापन में कहा गया है कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा धार्मिक एवं सास्कृतिक आजादी पर हमला कर विशेष संस्कृति और धर्म को सभी लोगों पर थोपने कोशिश की जा रही है। उसका मकसद है कि अन्य धार्मिक इकाइयां बहुसंख्यक धर्म में विलय कर लें। इसके लिए मजबूर किया जा रहा है। हाल में लाए गए कानूनों पर नजर डालें तो पता चलेगा कि संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का हनन हो रहा है।
सौंपे गए ज्ञापन के प्रमुख बिन्दु

देश के संविधान में दी गई धार्मिक और सांस्कृतिक आजादी और मौलिक अधिकारों की हर हाल में रक्षा की जाएगी। इसमें फेरबदल की हर कोशिश का पूरी ताकत के साथ मुकाबला किया जाएगा।

विशेष तौर से वर्तमान सरकार बार-बार यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात करती है। यक बात में न सीर्फ बदनीयती है बल्कि देश के अल्पसंख्यकों और आदिवासियों का मौलिक अधिकार से रोकने की साजिश है। सरकार के इस इरादे की घोर निन्दा करते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड को सामूहिक रूप से बहिष्कार करते हैं। देश के किसी भी वर्ग पर उसकी मर्जी के बिना यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना असल में उसकी पहचान को मिटाने का कुत्सित प्रयास है।

धार्मिक इकाइयों को कब्जामुक्त किया जाए

हर धार्मिक इकाई और उसके पवित्र स्थलों की सुरक्षा सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। किसी भी वर्ग द्वारा किसी दूसरे वर्ग की इबादतगाह पर दावे या जबरन उस पर कब्जा करने की हर कोशिश घोर निंदनिय है। ऐसे प्रयास का हम सामूहिक मुकाबला करेंगे। वक़्फ की ज़मीनों पर से सरकारों या निजी कब्जों को तुरंत खत्म किया जाये। ज़रूरत पड़ी तो उन क़ब्जों को हटाने के लिए सामूहिक आन्दोलन भी चलाया जा सकता है। सभी धार्मिक और सामाजिक इकाइयां देश के निर्माण एवं विकास में मिलजुलकर काम करें हमारी यही कोशिश रहेगी। सबको मिलजुलकर रहना चाहिए। देश में शान्ति एवं सुरक्षा, न्याय स्थापित हो व अन्याय-अत्याचार का अंत हो।

अखिलेश यादव नें समर्थन का दिया भरोसा

अखिलेश यादव ने आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड द्वारा सौंपे गए ज्ञापन स्वीकार करते हुए उन्हें अपने समर्थन का भरोसा दिलाया। कहा कि भाजपा के लिए धर्म और धार्मिक कार्य सिर्फ राजनीति का माध्यम है। बीजेपी आस्था और जनविश्वास के साथ खेलती है। समाजवादी पार्टी हमेशा से ही लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रतिनिधि मंडल में ये शामिल थे

ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के प्रतिनिधिमण्डल में मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मौलाना बिलाल हसनी नदवी, मौलाना नईमुर्रहमान, सऊद रईस एडवोकेट, मौलाना अतीक अहमद बस्तवी, मौलाना यासीन अली उस्मानी, प्रोफेसर मोहम्मद सुलेमान, श्रीमती अमीना रिजवान, मौलाना नजीब उल हसन एवं मौलाना अब्दुल लतीफ शामिल थे। इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी भी मौजूद रहे।

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