क्या हुआ जब सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता एक साथ बैठे

विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने शुरू हो रहे मानसून सत्र को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु सभी दलीय नेताओं से सहयोग का अनुरोध किया। बुधवार को विधान भवन में आयोजित सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी सहित सभी दलीय नेताओं ने अध्यक्ष को सदन चलाने में सहयोग का आश्वासन दिया।

Update: 2019-07-17 16:06 GMT

लखनऊ: विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने शुरू हो रहे मानसून सत्र को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु सभी दलीय नेताओं से सहयोग का अनुरोध किया। बुधवार को विधान भवन में आयोजित सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी सहित सभी दलीय नेताओं ने अध्यक्ष को सदन चलाने में सहयोग का आश्वासन दिया।

बैठक में सदन के नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सार्थक, रचनात्मक बहस, विचार-विमर्श को बढ़ावा के साथ अधिकतम चर्चा, अधिक सेअधिक दिनों तक सदन की कार्यवाही चलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सभी विषयों पर चर्चा के लिए तैयार है। सदन में लोकहित के मुद्दे पर बहस होनी चाहिए।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप, टोका-टोकी और शोरगुल के बीच सदस्यों की विकासमूलक बाते भी नहीं आ पाती हैं। सदस्यों द्वारा कही गयी अच्छी से अच्छी बातें भी उपेक्षित रह जाती हैं। कभी-कभी सदन में एक ही विषय को बार-बार उठाया जाता है। तैयारी करके सदन में आने वाले विधायकों को अपनी बात कहने का अवसर नहीं मिल पाता है।

उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी विधान सभा है। सदन की कार्यवाही पर देश और दुनिया की निगाहें होती है। बार-बार सदन की कार्यवाही बाधित व अव्यवस्थित होने से जन-प्रतिनिधियों के प्रति प्रदेश की जनता के बीच गलत संदेश जाता है। सदन के प्रति आमजन के विश्वास को बढ़ाने और दृढ़ीभूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने दलीय नेताओं से अपील की कि मुद्दों एवं तथ्यों पर सभी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करें। सरकार प्रत्येक प्रकार से सदन संचालन में सहयोग करेगी।

विधानसभा अध्यक्ष ने सभी दल के नेताओं से अनुरोध किया कि वे अपना-अपना पक्ष सदन में शालीनता एवं संसदीय मर्यादाओं के अन्तर्गत रखें। बहस की गुणवत्ता बनाये रखें। प्रेमपूर्ण वातावरण से सदन में बहस करें। उन्होंने सदन में चर्चा के दौरान सदस्यों को व्यक्तिगत आक्षेप से बचने की अपील की तथा इस सत्र को बिना अवरोध के चलाये जाने हेतु सभी नेताओं से आग्रह किया।

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बैठक में नेता विरोधी दल राम गोविन्द चौधरी, बहुजन समाज पार्टी के नेता लाल जी वर्मा, कांग्रेस पार्टी के नेता अजय कुमार लल्लू के स्थान पर मसूद अख्तर, अपना दल (सोनेलाल) के नेता नील रतन पटेल एवं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर ने भी अपने-अपने विचार प्रकट किए और सदन की कार्यवाही को व्यवस्थित ढंग से चलाने में प्रत्येक प्रकार का सहयोग देने का आश्वासन दिया।

इससे पहले कार्य-मंत्रणा की बैठक सम्पन्न हुई। अध्यक्ष, हृदय नारायण दीक्षित ने बताया की बैठक में 18 से 26 जुलाई, तक घोषित कार्यक्रमों पर चर्चा हुई। 18 जुलाई को स्व श्री जगन प्रसाद गर्ग को शोकांजलि के बाद सदन स्थगित कर दिया जाएगा। 19 जुलाई को अध्यादेशों एवं अधिसूचनाओं को सदन के पटल पर रखा जायेगा। 23 जुलाई को पूर्व घोषित कार्यक्रमानुसार 12:20 बजे से अनुपूरक बजट रखा जायेगा।

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24 जुलाई को अनुपूरक अनुदानों पर चर्चा एवं विनियोग विधेयक का पुरःस्थापन, विचार एवं पारण होगा। 23, 25, 26 जुलाई को अन्य मदों के साथ विधेयकों के प्रस्तुतीकरण व पारण का कार्य सम्पन्न होगा। बीच-बीच में आवश्यकतानुसार कार्यमंत्रणा समिति पुनः बैठेगी।

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