इलाहाबाद HC ने CBI कोर्ट के विशेष न्यायाधीश को भेजा नोटिस, जानिए क्या है वजह?

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार झा को नोटिस जारी कर सफाई मांगी है। इन पर अभियुक्त को जमानत मंजूर करने के बाद एक महीने तक अभिरक्षा में रखने का आरोप है।

Update: 2017-06-03 14:37 GMT
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इलाहाबाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार झा को नोटिस जारी कर सफाई मांगी है। इन पर अभियुक्त को जमानत मंजूर करने के बाद एक महीने तक अभिरक्षा में रखने का आरोप है।

कोर्ट ने जिला न्यायाधीश गाजियाबाद को घटना की जांच कर 6 हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।

यह आदेश जस्टिस तरुण अग्रवाल और जस्टिस राजुल भार्गव की खंडपीठ ने अभियुक्त कविता की याचिका पर दिया है।

कोर्ट ने सीबीआई से भी याचिका का जवाब मांगा है। कोर्ट ने विशेष जज झा से पूछा है कि बिना उचित कारण के याची को अभिरक्षा में क्यों रखा गया? आप के विरुद्ध क्यों न विभागीय कार्यवाही की जाए और याची को देय मुआवजा राशि की कटौती क्यों न आपके वेतन से की जाए ?

दरअसल एक मामले में श्रीमती कविता और सह अभियुक्त वी एन माथुर के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज हुई। जिसकी जांच सीबीआई ने की। सेबीआई ने चार्जसीट दाखिल की। दोनों आरोपियों को जमानत मिल गई।

ट्रायल पूरा होने से पहले सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल की और याची को 13 अप्रैल 2017 को अभिरक्षा में ले लिया गया। 20 अप्रैल को एक लाख के पर्सनल बांड और दो सिक्योरिटी मांगी। वी एन माथुर को पुराने बांड पर 28 मार्च को अभिरक्षा में लेकर जमानत पर छोड़ दिया।

याची को जमानत बांड के सत्यापन के नाम पर 4 हफ्ते अभिरक्षा में रखा गया। इस अवैध अभिरक्षा के आधार पर यह याचिका दाखिल की गई। याचिका दायर कर जमानत मंजूर होने के बाद एक महीने तक जेल में रखने को चुनौती दी गई है और मुआवजे की मांग की गई है।

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