HC ने योगी सरकार से कहा- 8 हफ्ते में बताएं जाट समुदाय को पिछड़े वर्ग में रखना है या नहीं?
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को 8 हफ्ते में जाट समुदाय को पिछड़े वर्ग में रखने या न रखने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को 8 हफ्ते में जाट समुदाय को पिछड़े वर्ग में रखने या न रखने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के राम सिंह केस के निर्देशों की अवहेलना नहीं की जा सकती।
आंकड़े न होने के आधार पर निर्णय लेने से नहीं बचा जा सकता। अगर आंकड़े नहीं है तो वह एक कमेटी गठित कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने जाट समुदाय को पिछड़े वर्ग से अलग करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने इस आदेश का पालन करने का निर्देश दिया था। पालन न करने पर यह याचिका दायर की गई है। जस्टिस अरुण टंडन और जस्टिस रेखा दीक्षित की खंडपीठ ने यह निर्णय मानवीर की याचिका पर दिया है।
इससे पहले भी हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को पिछड़े वर्ग से जाटों के बारे में निर्णय लेने का निर्देश दिया था। लेकिन आंकड़े नहीं होने के आधार पर सरकार ने निर्णय लेने में असमर्थता व्यक्त की और प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया। जिसे चुनौती दी गई थी।