HC ने भ्रष्टाचार पर जताई चिंता, कहा- इस गंभीर समस्या से सख्ती से निपटने की जरूरत
इलाहाबाद हाईकोर्ट (HC) ने भ्रष्टाचार पर गंभीर चिंता जाहिर की है। कोर्ट ने कहा, 'यह एक गंभीर बीमारी है, जिससे पूरा देश जूझ रहा है। भ्रष्टाचार देश की समस्याओं की जड़ है।' कोर्ट ने कहा, कि 'अधिकारियों की लालच का फायदा उठाकर दलाल भ्रष्टाचार को कामकाज का हिस्सा बना रहे हैं। इससे देश को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। गरीब अधिक गरीब और अमीर अधिक अमीर होता जा रहा है। इस स्थिति को समाप्त किया जाना चाहिए।'
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट (HC) ने भ्रष्टाचार पर गंभीर चिंता जाहिर की है। कोर्ट ने कहा, 'यह एक गंभीर बीमारी है, जिससे पूरा देश जूझ रहा है। भ्रष्टाचार देश की समस्याओं की जड़ है।' कोर्ट ने कहा, कि 'अधिकारियों की लालच का फायदा उठाकर दलाल भ्रष्टाचार को कामकाज का हिस्सा बना रहे हैं। इससे देश को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। गरीब अधिक गरीब और अमीर अधिक अमीर होता जा रहा है। इस स्थिति को समाप्त किया जाना चाहिए।'
हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि भ्रष्टाचार पर कुछ वर्षाें के लिए कार्यवाही ठीक नहीं। भ्रष्टाचारी का सिस्टम में घुसने पर स्थायी रोक लगनी चाहिए। ये बातें कोर्ट ने आगरा की मेसर्स दिनेश कुमार अग्रवाल एण्ड कंपनी के मालिक व चार्टर्ड एकाउंटेंट डीके अग्रवाल की आईसीएआई की सदस्यता स्थायी रूप से समाप्त करने के आदेश पर कहा। कोर्ट ने कहा, कि 'विभाग ने पांच साल के लिए सदस्यता रद्द कर ठीक नहीं किया। इसके बाद वापस आकर वह पुनः सिस्टम को भ्रष्टाचार के दलदल में डाल देगा।'
भ्रष्टाचार मानवाधिकारों का हनन करता है
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व न्यायमूर्ति डॉ. केजे ठाकुर की खण्डपीठ ने आयकर विभाग द्वारा भेजे गये रिफरेंस को निर्णीत करते हुए दिया है। चार्टर्ड एकाउंटेंट पर फर्जी दस्तावेज बनाने, अधिकारियों को घूस देने सहित कई आरोपों का दोषी करार दिया है। कोर्ट ने कहा, कि 'भ्रष्टाचार मानवाधिकारों का हनन करता है। यह गरीबों का हक छीनता है।'
कोर्ट ने बताए भ्रष्टाचार के प्रकार
साथ ही कोर्ट ने कहा, कि 'कई प्रकार के भ्रष्टाचार हैं। वित्तीय, सांस्कृतिक, नैतिक, वैचारिक आदि। भ्रष्टाचार दोधारी चाकू है। घूस लेने व देने वाले समाज को नुकसान पहुंचाते हैं। इनसे कड़ाई से निपटने की जरूरत है।'