योगी सरकार को बड़ा झटका: कोर्ट ने इस मामले में दी नोटिस

पीठ ने हाइकोर्ट के अधिवक्त फरमान नकवी और रमेश कुमार यादव को याचिका में न्याय मित्र नियुक्त किया है हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि सभी संबंधित दस्तावेज न्याय मित्रों को उपलब्ध करा दिया जाए याचिका पर 16 जनवरी को अगली सुनवाई होगी।

Update: 2020-01-07 10:08 GMT

लखनऊ: बीते दिनों नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर यूपी में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला था। तो वहीं प्रदेश सरकार ने इस मामले में सख्ती अपनाते कड़ा एक्शन लिया। कई बार प्रदर्शन के बीच पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी करती दिखाई दी थी, तो अब इस मामले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में कोर्ट ने समाचार पत्रों में छप रही ऐसी घटनाओं पर जवाब मांगा है।

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जानकारी के अनुसार मुंबई के एक अधिवक्ता अमित कुमार द्वारा ईमेल के जरिए भेजे गए पत्र पर स्वत संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की पीठ ने इस मामले की सुनवाई 16 जनवरी को निश्चित किया है।

अधिवक्ता द्वारा भेजे गए ईमेल में न्यूयॉर्क टाइम्स और द टेलीग्राफ में प्रकाशित समाचारों का हवाला दिया है जिसमें यूपी पुलिस द्वारा आंदोलनकारियों पर बर्बर बर्ताव करने का आरोप लगाया गया है। पत्र में कहा गया है कि देश की छवि पूरी दुनिया में ख़राब हो रही है। पत्र में इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित समाचार जिसमें मुजफ्फरनगर के एक मदरसे में बच्चों की निर्मम पिटाई का हवाला दिया गया है।

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पीठ ने हाइकोर्ट के अधिवक्त फरमान नकवी और रमेश कुमार यादव को याचिका में न्याय मित्र नियुक्त किया है हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि सभी संबंधित दस्तावेज न्याय मित्रों को उपलब्ध करा दिया जाए याचिका पर 16 जनवरी को अगली सुनवाई होगी।

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