पुरानी पेंशन बहाली मामला:कानून की वैधता पर एटार्नी जनरल को नोटिस

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पुरानी पेंशन बहाली एवं पेंशन फण्ड नियामक विकास प्राधिकरण अधिनियम 2013 की संवैधानिकता की चुनौती याचिका पर भारत के एटार्नी जनरल को नोटिस जारी की है और केन्द्र तथा राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।

Update: 2019-05-14 16:36 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पुरानी पेंशन बहाली एवं पेंशन फण्ड नियामक विकास प्राधिकरण अधिनियम 2013 की संवैधानिकता की चुनौती याचिका पर भारत के एटार्नी जनरल को नोटिस जारी की है और केन्द्र तथा राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खण्डपीठ ने राजकीय मुद्रणालय कर्मचारी संघ प्रयागराज की याचिका पर दिया है।

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कोर्ट ने कहा है कि 3 जुलाई तक जवाब दाखिल कर दिया जाए। याचिका में नयी पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन बहाली की मांग की गयी है। नयी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों के अंशदान को शेयर मार्केट में लगाया जा रहा है। फायदा या नुकसा कर्मचारी का होगा। कर्मचारियों ने उनकी मर्जी के बगैर नयी स्कीम जबरन थोपने का विरोध किया और प्रदेश व्यापी हड़ताल की जिससे हाईकोर्ट की काजलिस्ट न छपने से न्यायकि कार्य प्रभावित हुआ।

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कोर्ट ने हड़ताल समाप्त कर काम पर वापस आने का आदेश दिया औरर जनहित याचिका कायम कर राज्य सरकार से जवाब मांगा। कोर्ट ने स्वप्रेरित जनहित याचिका यह कहते हुए निस्तारित कर दी है कि राजकीय मुद्रणालय कर्मचारी संघ की याचिका पर पक्ष रखा जा सकता है।

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