हाईकोर्ट ने दिया 41,600 सिपाहियों की भर्ती के रिजल्ट संशोधन का आदेश

Update: 2017-09-08 14:32 GMT

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 41,600 पुलिस आरक्षियों की भर्ती का अंतिम परिणाम संशोधित करने का आदेश दिया है। भर्ती प्रक्रिया में महिला अभ्यर्थियों को मिलने वाले 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू करने में गलती करते हुए सामान्य वर्ग में आरक्षित कोटे ओबीसी और एसी/एसटी की महिला अभ्यर्थियों को भी चयनित करने के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी।

ठीक इसी प्रकार का मामला दरोगा भर्ती में भी सामने आया था, जिसमें हाईकोर्ट ने आशीष कुमार पाण्डेय केस में परिणाम संशोधित कर विशेष कोटे के आरक्षित अभ्यर्थियों को उनकी श्रेणियों में ही आरक्षण देते हुए परिणाम संशोधित करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने सिपाही भर्ती मामले में भी अभिषेक पाण्डेय केस का फैसला लागू करने का निर्देश दिया है। बृजेश कुमार तिवारी व कई अन्य अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर यह आदेश न्यायमूर्ति अभिनव उपाध्याय ने दिया।

याची के वकील के अनुसार 41,600 पुलिस कांस्टेबल भर्ती का अंतिम परिणाम 15 जुलाई 2015 को जारी किया गया। परिणाम को यह कहते हुए चुनौती दी गई कि महिलाओं को मिलने वाले 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के तहत सामान्य वर्ग की कई सीटें रिक्त रह गई। इन रिक्त पदों को ओबीसी और एससी एसटी की महिला अभ्यर्थियों से भर दिया गया। जबकि नियमानुसार रिक्त पदों को सामान्य वर्ग के ही अन्य अभ्यर्थियों से भरा जाना चाहिए था।

आरक्षित वर्ग की महिलाओं को उनकी श्रेणियों में ही क्षैतिज आरक्षण दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि आरक्षित वर्ग की महिलाओं को उनकी श्रेणी में नियुक्ति दी जाए और नीचे से पदों को रिक्त कराया जाए तथा सामान्य वर्ग के रिक्त हुए पदों को सामान्य वर्ग के ही योग्य अभ्यर्थियों से भरा जाए। कोर्ट ने सरकार को तीन माह की मोहलत दी है।

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