HC: लोक सेवक के दायित्व से हटकर अपराध पर अभियोग चलाने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी नहीं

Update:2017-07-18 20:15 IST
HC: लोक सेवक के पद दायित्व से हटकर अपराध पर अभियोग चलाने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी नहीं

इलाहाबाद: लोक सेवक के दायित्व निभाते समय यदि अपराध घटित होता है तो सरकार की अनुमति के बगैर उसके खिलाफ अभियोग नहीं चलाया जा सकता। लेकिन पद दायित्व से हटकर लोक सेवक अपराध करता है तो अभियोग चलाने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा- 197 के अंतर्गत राज्य सरकार की अनुमति जरूरी नहीं है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि पद पर दायित्व निभाने के दौरान हुए अपराध पर ही लोक सेवक को संरक्षण प्राप्त है। पद दायित्व से अलग कार्य से अपराध के लिए बिना सरकार की अनुमति लिए मुकदमा चलाया जा सकता है।

याचिका खारिज कर दी

कोर्ट ने जब्त गायों को बेचने तथा बरामदगी कम दिखाने के आरोपी हापुड़ के धौलाना के दरोगा महिलपाल सिंह व तीन अन्य की याचिका खारिज कर दी है। दो माह के भीतर सीजेएम कोर्ट में समर्पण कर जमानत अर्जी दाखिल करने का आदेश देते हुए कहा है कि इस अवधि में याची का पुलिस उत्पीड़न न करे। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी ने दरोगा महिपाल सिंह व अन्य की याचिका पर दिया है।

राज्य सरकार से नहीं ली मुकदमा चलने की अनुमति

याचिका में धारा- 197 के तहत मुकदमा चलाने की राज्य सरकार से अनुमति नहीं ली गई। इसलिए आरोप पत्र रद्द किया जाए। कोर्ट ने कहा, कि याची ने जो अपराध किया है वह उसके पद दायित्व में शामिल नहीं है। अनवार त्यागी ने गो तस्करी के आरोप में मुकदमा कायम किया है।

ये था मामला

शिकायतकर्ता का कहना है कि उसने व साथियों ने जयपुर के नारायण गांव के हाट से चौदह बैल व गाय खरीदा, जिसकी रसीद है। सभी जानवरों को ट्रक में लादकर रवाना किया गया। जब वे नहीं पहुंचे तो पता चला कि ट्रक जब्त कर ली गई है और जानवरों की संख्या छह बताया है। साथ ही उसे पांच हजार प्रति के हिसाब से बेच दिया गया। पिलखुआ सिखैदा गांव के नौशाद, हनीफ, रिफाकत, नीजू, खुर्शीद ने उन्हें खरीदा। जिसकी शिकायत 20 फरवरी 2015 को थाने में दर्ज की गयी। बयान दर्ज होने के बाद सम्मन जारी किया गया। कोर्ट ने हस्तक्षेप से इंकार कर दिया।

Tags:    

Similar News