प्रयागराज : छेड़खानी की घटनाओं पर एसएसपी मेरठ से जवाब तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ में बढ़ रही छेड़खानी की घटनाओं को रोकने के लिए दाखिल जनहित याचिका पर प्रदेश सरकार और एसएसपी मेरठ से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि 29 अप्रैल तक एसएसपी हलफनामा दाखिल कर बताये कि छेड़खानी और आपराधिक घटनाओं की रोकथाम के लिए उन्होंने क्या कदम उठाये हैं जवाब दाखिल न होने पर एसएसपी को स्वयं अदालत में हाजिर होना होगा।

Update:2019-03-29 20:47 IST
प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ में बढ़ रही छेड़खानी की घटनाओं को रोकने के लिए दाखिल जनहित याचिका पर प्रदेश सरकार और एसएसपी मेरठ से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि 29 अप्रैल तक एसएसपी हलफनामा दाखिल कर बताये कि छेड़खानी और आपराधिक घटनाओं की रोकथाम के लिए उन्होंने क्या कदम उठाये हैं जवाब दाखिल न होने पर एसएसपी को स्वयं अदालत में हाजिर होना होगा।

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मेरठ के लोकेश खुराना की जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति पी.के.एस.बघेल और न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की पीठ सुनवाई कर रही है। याचिका पर अधिवक्ता के.के.राय और चार्ली प्रकाश ने पक्ष रखा। याची का कहना है कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में महिला हिंसा, यौन उत्पीड़न और छेड़खानी की घटनाएं सबसे ज्यादा होती है।

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डायल 1090 के अनुसार सबसे ज्यादा मेरठ, लखनऊ और इलाहाबाद तथा कानपुर में हुई है। पुलिस के एंटी रोमियो सक्वायड से अपराधियों से ज्यादा आम आदमी परेशान हुआ है। याचिका में कई ऐसे उदाहरण दिये हैं कि छेड़खानी से तंग आकर लड़कियों ने पढाई छोड़ दी या आत्महत्या कर ली। याचिका में कहा गया कि घटनाएं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की भावना के विपरीत है।

 

 

 

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