लखनऊ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की छात्र संघ अध्यक्ष ऋचा सिंह और विवि प्रशासन के बीच एक बार फिर ठन गई है। इस बार ऋचा का पीएम नरेंद्र मोदी को संबोधित 'ओपेन लेटर' लिखना महंगा पड़ा है। वह भी तब जब मोदी इलाहाबाद के दौरे पर थे। इसके तुरंत बाद विवि प्रशासन ने ऋचा को नोटिस पकड़ा दिया और विवि प्रशासन पर लगाए गए आरोपों से जुड़े साक्ष्य मांगे हैं।
डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो हर्ष कुमार ने ऋचा को दी गई नोटिस में कहा है कि यदि ऋचा 'ओपेन लेटर' में विवि प्रशासन पर लगाए गए आरोपों से संबंधित प्रूफ पेश नहीं करती है तो विवि प्रशासन उन पर अनुशासनात्मक व कानूनी कार्रवाई करेगा।
ऋचा सिंह ने अपने 'ओपेन लेटर' में लिखा था
ऋचा सिंह ने पीएम नरेन्द्र मोदी के इलाहाबाद आगमन पर इलाहाबाद विवि छात्रसंघ की ओर से खुली चिट्ठी लिखी थी। जिसमें 5 बिन्दुओं पर उनसे जवाब मांगा गया था और कार्यवाही की मांग की गई थी।
-यूनिवर्सिटी में महिला असुरक्षा चरम पर है। महत्वपूर्ण पदों पर महिला उत्पीड़न के आरोपियों को बिठाया गया है। ऐसे माहौल में कैसे पढ़ेंगी बेटियां और कैसे बढ़ेंगी बेटियां?
-विवि भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता का गढ़ बन गया है।
-टेंडर से लेकर भुगतान तक की प्रक्रिया में भ्रष्टाचारी व्यवस्था को बढ़ावा। वित्तीय लेन-देन की सीबीआई जांच की मांग।
-विवि की लापरवाही से हजारों छात्रों की प्रवेश परीक्षा छूट गई। विधि छात्रों की डिग्री खतरे में है।
-दलित एवं पिछड़े वर्ग के प्रति भेदभाव पूर्ण रवैया।
-कुलपति के तानाशाहीपूर्ण रवैये के चलते छात्रों व कर्मचारियों में रोष। गलत कामों पर सवाल उठाने वालों पर मुकदमें।
विवि प्रशासन ने नोटिस में यह कहा
-पीएम नरेन्द्र मोदी को लिखे गए 'ओपेन लेटर' में विवि प्रशासन पर आरोप लगाए गए हैं।
-यह लेटर मीडिया में भी बांटे गए।
-यह लेटर जारी कर विवि की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया।
-ऐसे में इन आरोपों का आधार जानना जरूरी है।
-और इन्हें साबित करने के लिए इनसे जुड़े सबूत जरूरी हैं।
-पत्र प्राप्त होने के तीन दिन के अंदर आरोपों से जुड़े सबूत विवि प्रशासन के समक्ष पेश करें।
-ऐसा न होने पर विवि की ओर से लीगल एक्शन लिया जाएगा।