इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के VC का विवादों से है पुराना नाता, जब महिला संग...

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति रतनलाल हांगलू ने भले ही छात्रों के हंगामे के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है लेकिन ये कोई पहला मामला नहीं है, जब उनका नाम सुर्खियों में आया हो। इसके पहले भी उनपर कई गंभीर आरोप लग चुके हैं।

Update: 2020-01-02 07:35 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी (Allahabad University) के कुलपति रतनलाल हांगलू ( VC Ratanlal Hanglu) ने भले ही छात्रों के हंगामे के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है लेकिन ये कोई पहला मामला नहीं है, जब उनका नाम सुर्खियों (Controversy) में आया हो। इसके पहले भी उनपर कई गंभीर आरोप लग चुके हैं। वहीं महिला के साथ बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद तो उनकी काफी किरकिरी भी हो चुकी है। ऐसे में वीसी के इस्तीफे को मंत्रालय द्वारा बिना देरी के मंजूर करने पर आश्चर्य भी नहीं होना चाहिए।

कुलपति रतनलाल हांगलू का विवादों से पुराना नाता:

शिक्षा के क्षेत्र में उच्च पद पर आसीन कोई व्यक्ति, जो हजारों-लाखों छात्रों के भविष्य के लिए जवाबदेह हो, खुद भ्रष्टाचार जैसे मामलों में फंसा हो तो ऐसे में शिक्षा का क्या स्तर होगा और छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के प्रति किसकी जिम्मेदारी होगी? ये सवाल इन दिनों इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के विवादों में रहने वाले कुलपति रतनलाल हांगलू के नाम के साथ जरूर उठता है।

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दरअसल, इलाहाबाद युनिवर्सिटी के कुलपति रतनलाल हांगलू पिछले कई दिनों से सुर्ख़ियों में हैं। छात्रों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और धरने पर बैठ गये, जिसके बाद बुधवार को कुलपति ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन ये कोई पहला मामला नहीं है जब वीसी हांगलू पर गंभीर आरोप लगे हों। इससे पहले भी उनके कई विवादित मामलें सामने आ चुके है।

महिला संग बातचीत का ऑडियो हुआ था वायरल:

गौरतलब है कि वीसी हांगलू का महिला से वार्तालाप करते एक ऑडियो वायरल हुआ था। इस ऑडियो के वायरल होने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने प्रोफेसर हांगलू को तलब किया था और जमकर फटकार लगाई थी। इसके अलावा विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने भी उनपर कई गंभीर आरोप लगाये है।

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कुलपति पर लगे गंभीर आरोप:

प्रोफेसर हांगलू का नाम सीएमपी के प्रिंसिपल का पांच साल का कार्यकाल बढ़ाये जाने को लेकर भी सुर्खियां बन चुका है। वहीं उनपर आरोप लगा कि शिक्षक भर्ती में सीधे चयन के जरिये उन्होंने अपने चहेतों को जगह दी। दरअसल, उस दौरान एक्सपर्ट पैनल व चयनितों के नाम पहले से ही सार्वजनिक हो गये थे।

 

मनमाने ढंग से चहेतों की नियुक्तियां, हॉस्टल और मेस में धांधली:

इसके अलावा स्क्रीनिंग प्रक्रिया में मनमानी, सेलेक्शन कमेटी में शामिल एक्सप‌र्ट्स के नाम को गोपनीय न रखने को लेकर भी उनपर गंभीर आरोप लग चुके हैं। छात्रों का आरोप था कि उन्होंने हॉस्टल एलाटमेंट और पजेशन में देरी की। हॉस्टल में छात्रों को कुर्सी- मेज और फर्नीचर नहीं दिए गये और ठेके पर प्राईवेट मेस का संचालन करवाया गया।

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एडमिशन में भष्टाचार, लेटलतीफी :

इतना ही नहीं हास्टल्स की साफ सफाई और प्रदूषित जलापूर्ति, विवि को यूजीसी से मिलने वाले पैसे का कंपलीट यूटिलाइजेशन न कराने को लेकर भी प्रोफेसर हांगलू कटघरे में आ गये। उनके कार्यकाल के दौरान विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह आयोजित नहीं करवाया गया, वहीं छात्रों ने टाइम टेबल के मुताबिक़ क्लास न चलाने, वाई फाई फैसेलिटी सही से काम न करने का मामला उठा कर भी वीसी का विरोध किया था।

इसके अलावा वीसी पर बायोटेक्नोलॉजी विभाग की लैब और क्लासेस में संसाधनों का भारी अभाव, उसे रिसर्च वर्क के प्भारवित होने, एडमिशन में धांधली, रिसर्च में दाखिले को लेकर लेटलतीफी आदि भी आरोप लगे है।

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