Ambedkarnagar News: ओमप्रकाश राजभर ने सपा को बताया ‘गुंडों की पार्टी’, जानिए और क्या बोले सुभासपा सुप्रीमो
Ambedkarnagar News: आंबेडकरनगर पहुंचे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि हमारे मंत्री बनने की चर्चा हवा में चल रही है। हमारी किसी से कोई वार्ता नहीं हुई है।
Ambedkarnagar News: आंबेडकरनगर पहुंचे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि हमारे मंत्री बनने की चर्चा हवा में चल रही है। हमारी किसी से कोई वार्ता नहीं हुई है। यह वही कहावत है कि ‘राजा को पता नहीं मुसहर धन बांट लिए।’ उनके बेटे पर कुशीनगर के पडरौना में हुए हमले के पीछे समाजवादी का हाथ बताते हुए राजभर ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।
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सात अक्टूबर को बिहार में महारैली का ऐलान
ओमप्रकाश राजभर ने कहा सात अक्टूबर को बिहार के पटना में मेरे द्वारा वंचित, शोषित जागरण महारैली की जाएगी। इसके लिए नेताओं से मिल रहा हूं। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘सपा गुंडों की पार्टी है।’ सपा चार बार यूपी में सरकार में रही लेकिन एक भी मुस्लिम को डिप्टी सीएम नहीं बनाया गया।
कुछ जातियों तक सीमित है आरक्षण का लाभ
राजभर ने कहा 27 प्रतिशत आरक्षण कुछ जातियों को मिला रहा है। कोर्ट ने कहा था कि सबको मिलना चाहिए। उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी। जातिवार जनगणना के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शुरू करा दी और बजट भी एलॉट कर दिया। लेकिन यूपी में सपा, बसपा की सरकार कई बार रही। इसकी सुधि नहीं ली गई। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सपा, बसपा अगर आरोप लगा रहे हैं कि दलित और पिछड़ों का हिस्सा लूटा जा रहा है तो मायावती, अखिलेश यादव चुनाव के लिए अपनी पार्टियों सहित मिल क्यों नहीं जाते हैं। यूपी में अगर घोटाले हुए, तो अखिलेश, माया, सीएम से क्यूं नहीं मिलते!
ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अगर शिक्षक भर्ती घोटाला, ग्राम विकास भर्ती घोटाला, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती घोटाला हुआ है तो सोशल मीडिया पर लिखने से अच्छा है कि यूपी के मुख्यमंत्री से अखिलेश और मायावती मिलकर अपनी बात रखें। स्वामी प्रसाद मौर्य पर बोलते हुए कहा कि उनकी उम्र हो गई है, चार बार बीएसपी में मंत्री रहे और दांव भाजपा पर लगा दिए। ओमप्रकाश राजभर ने कुशीनगर के पडरौना में अपने बेटे पर हुए हमले पर कहा इसमें सपा के कार्यकर्ता का हाथ है। मेरा बेटा अधिकारियो को फोन मिलता रहा लेकिन किसी ने नहीं सुनी इसके लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन दोषी है।