96 लाख का घोटाला: सरकार ने की कड़ी कार्रवाई, डीपीआरओ निलंबित

इस मामले में प्रभारी डीपीआरओ पर लगे आरोपों की जांच के लिए उपनिदेशक पंचायत गोण्डा मण्डल को जांच अधिकारी नामित किया गया है।

Update: 2020-07-03 15:22 GMT

अम्बेडकरनगर: जिले में 14वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि के तकनीकी एंव प्रशासनिक मद में कटेहरी विकास खण्ड में हुए 96 लाख रूपये के घोटोले के मामले में शासन ने आखिरकार प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी रामआशीष चैधरी को निलंबित कर दिया।

अपर मुख्य सचिव ने जारी किए आदेश

पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने इस सम्बन्ध में आदेश जारी किये हैं। प्रभारी डीपीआरओ पर लगे आरोपों की जांच के लिए उपनिदेशक पंचायत गोण्डा मण्डल को जांच अधिकारी नामित किया गया है। उल्लेखनीय है कि जिले के कटेहरी विकास खण्ड में दो मार्च 2019 से लेकर 31 मई 2020 तक दो प्रभारी सहायक विकास अधिकारी, पंचायत जगदम्बा प्रसाद शुक्ला द्वारा 30 लाख 76 हजार 435 रूपया तथा अखिलेश गौड़ द्वारा 16 लाख 81 हजार 411 रूपये का गबन किया गया है।

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इसके अलावा सहायक विकास अधिकारी, पंचायत बृजेश सिंह द्वारा 48 लाख 48 हजार 288 रूपये का आहरण किया गया था। मामला सामने आने के बाद जिला अधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने दस कार्यरत एवं एक सेवा निवृत्त सहायक विकास अधिकारी, पंचायत के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत करवाया है।

डीपीआरओ को किया निलंबित

जिलाधिकारी ने इस मामले में डीपीआरओ को दोषी मानते हुए उनके निलम्बन के लिए शासन को पत्र लिखा था। जिलाधिकारी ने सभी विकास खण्डो के खण्ड विकास अधिकारियों एवं मुख्य विकास विकास अधिकारी अनूप कुमार श्रीवास्तव के विरूद्ध भी कार्यवाही के लिए शासन को पत्र भेजा था।

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फिलहाल अब शासन ने इस घोटाले में डीपीआरओ को तो निलंबित कर दिया है। लेकिन देखना यह है कि खण्ड विकास अधिकारियों तथा मुख्य विकास अधिकारी पर कार्यवाही कब होती है। इस मामले में निदेशक पंचायती राज द्वारा दस कर्मचारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

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